- अमेरिका ने कहा- भारत ने हमें बताया कि यह उसका आंतरिक मुद्दा है
- संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका भारत-पाक से एलओसी पर शांति बनाए रखने की अपील की
- भारत ने अनुच्छेद 370 हटाया, अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे
- सरकार ने सुरक्षा को लेकर कश्मीर में पैरामिलिट्री के 8 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए
Dainik Bhaskar
Aug 06, 2019, 08:41 AM IST
वॉशिंगटन. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। इस पर पाकिस्तान की तरफ से नकारात्मक बयानबाजी शुरू हो गई है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएन) ने फिलहाल इस पर हस्तक्षेप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यूएन महासचिव की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि कश्मीर में लगे प्रतिबंधों की जानकारी ली गई है। क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति पर हमारी नजर लगातार बनी है। सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की जाती है। इस बीच कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीवन दुजैरिक सोमवार को मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे। जब उनसे भारत-पाक के बीच कश्मीर विवाद को सुलझाने को लेकर राय मांगी गई तो स्टीवन ने कहा कि इस मामले में महासचिव का पक्ष साफ रहा है। अगर दोनों देश (भारत और पाकिस्तान) कहेंगे तो उनका दफ्तर मदद के लिए हमेशा मौजूद रहेगा।
इस बीच अमेरिका ने भी कहा है कि वह भी भारत के संविधान से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर नजर रखे हुए है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्तागुस ने कहा कि भारत और पाकिस्तान शांति कायम रखें। हमने भारत के कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने और उसे केंद्र शासित प्रदेश में बांटने के फैसले को भी देखा। भारत ने हमसे कहा है कि यह उसका आंतरिक मुद्दा है। हम दोनों पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता कायम रखने की अपील करते हैं।
पाकिस्तान ने यूएन से शिकायत की, अमेरिका से भी गुहार लगाएगा
भारतीय संसद में हुए फैसले के बाद पाक काे तगड़ा झटका लगा है। असर इतना गहरा था कि पाकिस्तान सरकार ने धमकी देते हुए कहा कि इसके खिलाफ हरसंभव कार्रवाई का विकल्प खंगालेंगे। पाकिस्तान ने यूएन से भारत की शिकायत की है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से शिकायत की भी धमकी दी है। अनुच्छेद-370 में बदलाव के बाद पैदा हुए हालात पर चर्चा के लिए राष्ट्रपति डाॅ. आरिफ अल्वी ने मंगलवार काे संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है। सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने भी मंगलवार काे काेर कमांडरों की मीटिंग बुलाई है।
इसी बीच, प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मुद्दे पर मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर माेहम्मद से भी फाेन पर बात की। उन्हाेंने महातिर से कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने संबंधी भारत की कार्रवाई अवैध है और इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के लिए खतरा बताया। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘भारत का यह कदम चाैंकाने वाला है। पाकिस्तान काे कश्मीर में किसी चूक की उम्मीद थी। लेकिन, माेदी सरकार से इतने बड़े कदम की उम्मीद बिल्कुल नहीं थी। जम्मू-कश्मीर काे अंतरराष्ट्रीय बिरादरी ने विवादित क्षेत्र माना है। इसलिए भारत का एकतरफा फैसला मंजूर नहीं है।’’