चंडीगढ़ सुरेन्द्रवर्मा। गत आठ दिनों से आंदोलनरत पत्रकारों की सभी मांगे सूचना विभाग एवं प्रदेश सरकार ने मांग मान ली । अपनी मांगों को लेकर संजीव पंत ने आमरण अनशन पर थे, मांगें माने जाने के बाद अपर निदेशक सूचना डा. अनिल चंदोला ने श्री पंत को जूस पिलाकर उनका आमरण अनशन समाप्त करवाया। ज्ञातव्य हो कि सरकार की दमनकारी नीति के विरोध में पत्रकारों ने बीते सायं 7.00 बजे देहरादून के गांधी पार्क से घंटाघर स्थित उत्तराखंड आंदोलनकारी स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा स्थल तक मशाल जुलूस निकाला था। पत्रकार अपने हाथों में मशाल और नारों की तख्तियां उठाए हुए नारेबाजी करते हुए जुलूस शुरू किया तो राजपुर रोड चौक पर जुलूस जब घंटाघर के पास स्थित स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के प्रतिमा स्थल तक पहुंचा तो जुलूस एक सभा में बदल गया। सभा में पत्रकारों की 11 सूत्री मांगों से संबंधित ज्ञापन पढ़ा तथा इन मांगों के पूरे होने तक आंदोलन को प्रतिदिन और तेज करने का संकल्प लिया गया। गांधी पार्क पर वरिष्ठ पत्रकार जीत मणि पैन्यूली ने अपने संबोधन में इतिहास में दर्ज उत्तराखंड के पत्रकारों के संघर्षों को याद किया तथा युवा पत्रकारों में काफी जोश भरा। एक सप्ताह से चल रहे इस आंदोलन का इतना तो असर हो गया है कि सभी जिलों में संचालित मीडिया की खोज खबर लेने के लिए सरकार के निर्देश पर संबंधित जिलों के सूचना विभाग हरकत में आ गए हैं।पत्रकारों ने अपर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को 11 सूत्रीय ज्ञापन भेजकर साथ निभाया।मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया वेब मीडिया की सूचीबद्धता के लिए नियमावली के अनुसार हर छह महीने में एक बार एंपैनलमेंट किया जाए। सूचीबद्धता के बाद दी जाने वाली धरोहर राशि की बाध्यता को समाप्त किया जाए। केंद्र सरकार वेब मीडिया पर जीएसटी की दर को कम अथवा खत्म किया जाए।वेब पोर्टल में कार्यरत मीडिया प्रतिनिधियों को भी मान्यता दिलाने के लिए मानक बनाए जाए। उत्तराखंड लोक संपर्क विभाग देहरादून में पत्रकारों के कल्याण योजना तथा पेंशन योजना से संबंधित 43 प्रकरण अभी तक लंबित हैं उनका तत्काल निस्तारण किया जाए। उत्तराखंड के वेब पोर्टलों को विज्ञापन देने के बजाय सीधे गूगल को विज्ञापन दिए जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। ज्ञापन देने वालों में प्रेस क्लब के अध्यक्ष केवल बत्रा, राजकुमार फुटेला, परमजीत पम्मी, भरत शाह, अनिल चैहान, फणींद्र नाथ गुप्ता, अजय चड्ढा, विकास कुमार, शुभोधुति मंडल, अशोक कुमार, मनोज आदि शामिल थे। ज्ञापन में कहा गया केन्द्र सरकार वेब मीडिया में जीएसटी की दर को कम करे या खत्म करे। प्रिंट मीडिया की तरह जीएसटी पर कम शुल्क लगाया जाये। वेब पोर्टल में कार्यरत मीडिया प्रतिनिधियों को भी मान्यता दिलाने के लिये मानक बनाये जायें तथा वेब मीडिया में कार्यरत मीडिया कर्मियों को जिला स्तर की मान्यता दी जाए। पोर्टल न्यूनतम यूजर्स का मानक पूरा करते हैं उन सभी को ए बी सी के अनुसार विज्ञापन जारी किया जाये।उत्तराखंड लोक संपर्क विभाग देहरादून में पत्रकारों के कल्याण योजना तथा पेंशन योजना से संबंधित 43 प्रकरण अभी तक लंबित हैं उनका तत्काल निस्तारण किया जाए। उत्तराखंड के वेब पोर्टलों को विज्ञापन देने के बजाय सीधे गूगल को विज्ञापन दिए जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। दृ पर्वतीय जनपदों में नेट कनेक्टिविटी समस्या को देखते हुए वहां से संचालित वेब पोर्टलों को विज्ञापन मानकों में शिथिलता प्रदान की जाए।
Chandigarh TodayDear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org
Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020