Dainik Bhaskar
Aug 01, 2019, 05:46 PM IST
गैजेट डेस्क. अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कॉकरोच के आकार का रोबोट तैयार किया है। यह जमीन पर तेज रफ्तार में दौड़ेगा। इतना ही नहीं यदि इसपर कोई इंसान पैर रख दे तो भी यह टूटेगा नहीं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस रोबोट के मदद से सर्चिंग ऑपरेशन और रेस्क्यू मिशन जैसे काम किए जा सकेंगे।। इसे खासतौर पर उन जगाहों पर इस्तेमाल किया जाएगा जहां इंसानों, कुत्तों और बड़ी मशीनों का पहुंचना मुमकिन नहीं हो पाता।
यह रोबोट 60 किलो तक का भार सह सकता है
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यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर लिवे लिन का कहना है कि इस साइज के ज्यादातर रोबोट काफी नाजुक होते हैं। अगर इनपर पैर रख दिया जाए तो इन्हें काफी नुकासान भी हो जाता है। इसकी मजबूती जांचने के लिए शोधकर्ताओं ने रोबोट पर एक इंसान जितना भार रखा जिसके बाद भी इसे न कोई नुकसान हुआ न इसने काम करना बंद किया।
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चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रॉनिक साइंस एंड टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर यिचुआन वू का कहना है कि जब भूकंप आता है तू बड़ी मशीन या बड़े कुत्तों की मदद से मलबे में दबे लोगों को ढूंढना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हमें छोटे आकार के रोबोट की जरूरत है जो मलबे में दबे लोगों का आसानी से पता लगा सके।
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साइंस रोबोटिक्स जर्नल में बताया गया है कि रोबोट का साइज पोस्टेज स्टांप जितना होगा, इसे पीजोइलेक्ट्रिक मटेरियल से बनाया गया है जिसे पॉलीविनायल लाइडीन फ्लोराइड या पीवीडीएफ भी करते है। ये एक यूनिक मटेरियल है जिसमें इलेक्ट्रिक वोल्टेज दिया जाए जो यह और फैल जाता है। शोधकर्ताओं ने पीवीडीएफ मटेरियल पर इलास्टिक पोलीमर की कोटिंग की गई है, जिसकी बदौलत शीट बेंड हो जाता है लेकिन टूटने और फैलने नहीं है।
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इसमें आगे की ओर खास तरह पैर लगाए गए हैं जिसकी मदद से किसी इलेक्ट्रिक फिल्ड में जाने पर मटेरियल बेंड होकर दोबारा सीधा भी हो जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह रोबोट दिखने में तो साधारण है लेकिन यह अपने अंदर कई असाधारण क्षमताओं को समेटे हुए हैं।
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यह जमीन पर 20 बॉडी लेंथ प्रकि सेकंड की रफ्तार से दौड़ता है ठीक वैसे ही जैसे कोई कॉकरोच दौड़ता है। रिपोर्ट के मुताबिक यह कीड़ें के आकार का सबसे तेज चलने वाला रोबोट है। यह ट्यूब पर फिसल सकता है, छोटी चढ़ाईयों पर चढ़ सकता है और मूंगफली जितने भार लेकर चल सकता है।
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इस रोबोट का वजन एक ग्राम के दसवें हिस्से जितना है, लेकिन यह 60 किलो तक के भार को सहने की क्षमता रखता है। यानी अपने भार से दस लाख गुना ज्यादा भार को सहन कर सकता है।
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लिन का कहना है कि हममे से कई लोगों ने अनुभव किया होगा कि कॉकरोच पर पैर रखने के बाद हमें लगता है कि वो मर गया होगा लेकिन जैसे ही हम पैर हटाते हैं तो वह दोबारा दोड़ने लगता है। उन्होंने कहा कि हमारा रोबोट भी कॉकरोज की तरह है जो कई गुना ज्यादा भार रखने के बाद भी काम करना नहीं छोड़ता।
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फिलहाल इस रोबोट में एक पतले तार के जरिए पावर दी जा रही है लेकिन शोधकर्ता इसमें बैटरी जोड़ने जा रहे जिससे यह स्वत्रंत रूप से चल सके। वे इसमें गैंस सेंसर जोड़ने पर भी विचार कर कर रहे हैं ताकि इसे और बेहतर बनाया जा सकें।
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