चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। पृथ्वी विज्ञान केंद्र (ईएससी, कसौली) ने सेव द हिमालय फाउंडेशन और वॉकअराउंड इंडिया के सहयोग से, चंडीगढ़ के गवर्नमेंट म्यूजियम में आज भू-धरोहर दिवस मनाया और महत्वपूर्ण धरोहरों के संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जियो हेरिटेज वॉक का आयोजन किया। पृथ्वी विज्ञान केंद्र, कसौली के संस्थापक, डॉ. रितेश आर्य ने कहा, ‘पृथ्वी के इतिहास और इसके प्राणियों की भू-धरोहरों का इतिहास 4.6 अरब वर्ष पुरानी चट्टानों में अच्छी तरह से संरक्षित हैं। इन चट्टानों की खोज से भूगर्भीय अतीत की समझ विकसित होती है। साथ ही यह उस समय के पर्यावरण और जलवायु के बारे में जरूरी जानकारियां भी मुहैया कराती हैं। भू-धरोहरों के संरक्षण की अत्यधिक आवश्यकता है। सेव द हिमालय फाउंडेशन, चंडीगढ़ चैप्टर के महासचिव, नरविजय यादव ने कहा, ‘ज्वालामुखी, उल्कापिंड और हिमालय की ऊंचाई के कारण निर्मित हुई भूगर्भीय विशेषताएं, जलवायु परिवर्तन और विभिन्न प्रजातियों के विकास पर इसके असर के प्रमाण चट्टानों में दर्ज हैं। इन साइटों को एक बार खोजने के बाद इन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य की पीढियो को यह जानकारी उपलब्ध हो सके। श्री पीसी शर्मा, प्रभारी अधिकारी, सरकारी संग्रहालय ने वहां प्रदर्शित महत्वपूर्ण चट्टानों के बारे में जानकारी दी। वॉकअराउंड इंडिया की निदेशक डॉ. अविता खवास ने संग्रहालय में बच्चों का मार्गदर्शन किया।इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में अमित शर्मा, वॉकिंग मैन ऑफ चंडीगढ़, जो हर रोज 50,000 कदम चलते हं और सतविंदर पाल सिंह, जियो टूरिस्ट प्रमुख थे। विवेक हाई स्कूल के बच्चों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
Chandigarh TodayDear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org
Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020