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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

अमनदीप ग्रुप ने ईडन सुपर स्पेशयलिटी हास्पिटल से हाथ मिलाया

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चडीगढ़,सुनीता शास्त्री। अमनदीप ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल ने ईडन सुपर स्पेशियलिटी एंड क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल, चंडीगढ़ ने ऑर्थोपेडिक, ट्रॉमा और ज्वायंट रिप्लेसमेंट प्रदान करने के लिए आपस में हाथ मिला कर एक इतिहास रचा है। डॉ. अवतार सिंह, चीफ ऑर्थोपेडिक सर्जन, अमनदीप ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल, अमृतसर ने कहा कि अब न केवल ट्राइसिटी के नागरिकों के लिए, बल्कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल व आसपास के राज्यों के नागरिकों के लिए भी एक ही छत्त के नीचे सभी यह सुविधायें उपलब्ध होगी। अमनदीप ग्रुप ऑफ हास्पिटल के आर्थोपेडिक सर्जनों की पूरी तरह से समर्पित और अनुभवी टीम और ईडन अस्पताल की अत्यधिक अनुभवी न्यूरो-सर्जरी टीम अब ट्रोमा तथा क्रिटिकल देखभाल मामलों की देखभाल करने के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगी। डॉ. अवतार सिंह खुद परामर्श तथा रोबोटिक असिस्टेड ज्वायंट बदलने की सर्जरी करने के लिए महीने के हर तीसरे शनिवार तथा रविवार को अमनदीप ईडन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्लाट न. 115, इंडस्ट्रीयल एरिया फेस 1 चंडीगढ़ में उपलब्ध होंगे। डॉ. अवतार सिंह और डॉ. संजय बंसल ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए क्षेत्र के दो दिग्गजों के बीच आधिकारिक टाई-अप की घोषणा की। डॉ. अवतार सिंह ने रोबोटिक असिस्टेड ज्वायंट बदलने की सर्जरी के बारे में बताया, जो कि ज्वायंट बदलने के लिए भविष्य की तकनीक है। डॉ. अवतार सिंह पहले ही एक साल में 600 रोबोट असिस्टेड घुटने बदलने की सर्जरी पूरी कर चुके हैं और आज ईडन हॉस्पिटल में अपनी पहली रोबोटिक ज्वायंट बदलने की सर्जरी भी की। लोगों के आम भ्रम को तोडते हुए डा. अवतार सिंह ने बताया कि आप्रेशन मैं ही करता हूं न कि रोबोट। रोबोट द्वारा दी जाती आधुनिक सूचना के आधार पर आप्रेशन करने वाला डाक्टर घुटने की खऱाब हड्डी को बहुत ही बारीकी से घिस सकता है जोकि मानवीय ढंग से की जाने वाली सर्जरी में संभव नहीं हो पाता था । इस तकनीक से मैं मरीज़ के घुटने की एक 3-डी तसवीर बना लेता हूं जिस से एमआरआई और सीटी स्कैन की आवश्यकता नहीं रहती। इस तस्वीर को देख कर मैं प्रत्येक मरीज़ के लिए सर्जरी की अलग-अलग योजना तैयार कर सकता हूं क्युंकि हर व्यक्ति का घुटना अल्ग होता है। इस प्रकार आप्रेशन के अंत में डाले जाने वाले घुटने से मरीज़ को बिल्कुल प्राकृतिक महसूस होता है व उस को यह भी भूल जाता है कि उसका कोई आप्रेशन हुया है। रोबोट तकनीक से घुटने बदलने का सबसे ज्यादा लाभ यह है कि इसका प्रयोग करके घुटने का पूर्ण जोड़ अथवा आंशिक जोड़ बदला जा सकता है। घुटने का आंशिक जोड़ बदलने के मामले में भी यह तकनीक उतनी ही कामयाब है जितनी पूरा जोड़ बदलने में। अमनदीप-ईडन सैंटर आफ़ एक्सीलैंस में हमारे लिए मरीज़ की संतुष्टि सब से महत्वपूर्ण है।