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- Ashish Vidyarthi Birthday: Here Are Some Interesting Stories From Actor’s Life
Dainik Bhaskar
Jun 19, 2019, 09:56 AM IST
बॉलीवुड डेस्क. 57 साल के हो चुके आशीष विद्यार्थी की पहली (रिलीज) हिंदी फिल्म द्रोहकाल थी। इसमें निभाए गए सपोर्टिंग रोल के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था। फिल्म के डायरेक्टर गोविंद निहलानी थे। जब आशीष के नेशनल अवॉर्ड का अनाउंसमेंट हुआ तो गोविंद ने उनसे पार्टी करने के लिए कहा। आशीष ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने मुंबई के एक पॉपुलर चाइनीज रेस्त्रां में जाकर सिर्फ तीन सीट बुक कराई थीं। इसकी बड़ी वजह उनका आर्थिक रूप से कमजोर होना था।
पार्टी में आए लोगों को देख घबरा गए थे आशीष
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आशीष ने बताया था, “जब लोग आने शुरू हुए और रेस्त्रां की आधी जगह भर गई तो मेरी चिंता बढ़ने लगी। लोग पार्टी एन्जॉय कर रहे थे और मैं एक कोने में माथा पकड़े बैठा हुआ था। पार्टी के अंत में मैं गोविंदजी के पास गया और अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने मेरी ओर देखा और शांति के बोले- ‘तुमसे किसने कहा इस बारे चिंता करने के लिए। यह मुझ पर छोड़ दो। मेरी पार्टी है।’ तब मैंने उनसे कहा कि अगर आपने पहले मुझे यह बताया होता तो मैं भी पार्टी एन्जॉय कर लेता।”
आशीष आगे कहते हैं, “आज मैं इन सभी बातों पर हंसता हूं। लेकिन उस वक्त मेरे लिए यह बहुत गंभीर मुद्दा था। मैं बॉम्बे में पैसा कमाने और अपने पेरेंट्स को आर्थिक रूप से सपोर्ट करने आया था। यह मेरी सबसे बड़ी चिंता थी। जब आप एक एक्टर के तौर पर अपनी शुरुआत करते हैं तो आप पर बेहतर काम करने, फैमिली और अपने चाहने वालों को सपोर्ट करने का दबाव होता है।”
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फिल्मों में करीब 182 बार मर चुके
आशीष विद्यार्थी बॉलीवुड के फेमस विलेन्स में से एक हैं। कहा जाता है कि ज्यादातर फिल्मों में विलेन की भूमिका निभाने की वजह से उन पर मौत के करीब 182 सीन फिल्माए जा चुके हैं। 19 जून 1962 को नई दिल्ली में जन्मे आशीष मलयाली पिता और बंगाली मां की संतान हैं। उनकी मां रेबा फेमस कत्थक डांसर थीं तो पिता गोविंदा विद्यार्थी जाने-माने थिएटर आर्टिस्ट। आशीष का प्ले दयाशंकर की डायरी काफी पॉपुलर है। इसके उनके सबसे लंबे मोनो एक्ट के रूप में जाना जाता है।
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विद्यार्थी सरनेम यहां से आया
आशीष ने विद्यार्थी सरनेम अपने पिता से लिया है। दरअसल उनके पिता गोविंद विद्यार्थी ने यह सरनेम फ्रीडम फाइटर गणेश शंकर विद्यार्थी को ट्रिब्यूट देने के लिए रखा था। कहा जाता है कि गोविंद अपनी युवावस्था में अक्सर गणेश शंकर विद्यार्थी का रोल निभाया करते थे। किरदार निभाते-निभाते उनके मन में वैसा ही बनने की इच्छा जागी और उन्होंने अपने नाम के आगे विद्यार्थी सरनेम लगा लिया।
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जब मरते-मरते बचे थे आशीष
फिल्मों में करीब 182 बार मर चुके आशीष असल जिंदगी में एक बार मरते-मरते बचे थे। बात अक्टूबर 2014 की है। दुर्ग (छत्तीसगढ़) के महमरा एनीकट पर ‘बॉलीवुड डायरी’ की शूटिंग के दौरान आशीष विद्यार्थी डूबते-डूबते बचे थे। शूटिंग के लिए आशीष को पानी में उतरना था, लेकिन वो ज्यादा गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। वहां मौजूद लोगों को लगा कि यह फिल्म का ही कोई सीन है, इसलिए कोई मदद के लिए नहीं दौड़ा। तब वहीं ड्यूटी पर तैनात विकास सिंह नाम के पुलिसकर्मी ने उनकी जान बचाई थी।
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पत्नी भी है एक्ट्रेस
आशीष विद्यार्थी ने बंगाली सिनेमा की पॉपुलर एक्ट्रेस रहीं शकुंतला बरुआ की बेटी राजोशी बरुआ से शादी की। राजोशी भी टीवी एक्ट्रेस हैं। उन्होंने ‘सुहानी सी एक लड़की’ जैसे सीरियल्स किए हैं। आशीष और राजोशी का एक बेटा है, जिसका नाम अर्थ है और जो देखने में आशीष की कार्बन कॉपी है।
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