चंडीगढ़ (आरती एम अग्निहोत्री). युवराज ने मुझे दुनिया में जिता दिया, ताज पहना दिया। अब चाहता हूं कि अगर उसे बेटा हो तो वो युवराज को दुनिया में जिता दे और मेरा भी सिर गर्व से ऊंचा कर दे। परिवार की क्रिकेट की लीगेसी को आगे बढ़ाए। ये कहते हैं क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह जो खुद भी इंडियन क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके हैं। पर एक इंजरी के बाद उन्होंने पंजाबी सिनेमा में एंट्री ले ली थी। उन्होंने युवराज और अपने रिश्ते पर बात की और खुद को युवराज का प्राउड फादर भी बताया। योगराज ने बताया-मैं एक खुशनसीब पिता बना हूं,ठीक वैसे ही एक खुशनसीब दादा भी बनना चाहता हूं। इसलिए मैंने युवराज से कह दिया है कि मुझे जल्दी से एक पोता दे दो और अगले 20 साल के लिए मुझे दे दो। मैं उसे दुनिया का सबसे तेज गेंदबाज बनाना चाहता हूं।
युवराज बोले, मेरे पिता वो ड्रैगन हैं जो बाउंसर्स के साथ आग फेंकते हैं :
युवराज महज दो साल के ही थे जब योगराज ने उनकी क्रिकेट की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। ट्रेनिंग भी इतनी सख्त थी कि युवराज को भी कहना पड़ा कि मेरे पिता ड्रैगन हैं। ऐसे ड्रैगन जो बाउंसर्स के साथ आग फेंकते थे। खैर, योगराज बोले कि युवराज की उन्होंने इतनी सख्त ट्रेनिंग की है कि युवराज की मां बहुत कहती थीं कि तुम बच्चे को मार दोगे। मैं कहता था मर जाएगा तो मर जाएगा। तुम जवान हो और पैदा कर लेंगे। पर मैं इसे ऐसे ही प्रैक्टिस करवाऊंगा। मेरा मानना है कि अगर कोई बच्चा स्कूल में पढ़ने के बाद घर पर भी छह घंटे पढ़ता है तो वह जीनियस बनता है। मैंने यह युवराज के लिए क्रिकेट में अपनाया। इसलिए ग्राउंड में प्रैक्टिस के अलावा उससे घर पर भी प्रैक्टिस करवाता था। युवराज की प्रैक्टिस के लिए घर पर ही फ्लड लाइट्स, जिम, पौधों की जगह कंक्रीट और पिच। न किसी दोस्त और न किसी रिश्तेदार की घर में एंट्री होती थी। इसलिए कभी-कभार युवराज इसे जेल कहता था। हालांकि अब क्वालिटी जेल कहने लगा है। बोले , मैं इतना सख्त था कि जब मेरा युवराज की मां से हुआ और युवराज घर छोड़कर दूसरे घर जा चुके थे। मैंने तब भी पीछा नहीं छोड़ा, कहा क किसी गलतफहमी में न रहना। मैं तेरा पीछा नहीं छोड़ूंगा युवराज। तुझे लीजेंड बनाकर ही दम लूंगा।
प्लास्टिक की बॉल से तोड़ दिया था खिड़की का शीशा :
हाल ही में युवराज सिंह ने क्रिकेट से रिटायरमेंट ले ली है। युवराज सिंह के इस फैसले पर योगराज जितने भावुक हुए उतने ही संतुष्ट भी। पर साथ ही वह इतना भी बोले अगर युवराज को कैंसर न होता और उसका घुटना फ्रैक्चर न हुआ होता तो वह दुनिया के सभी रिकॉर्ड तोड़ देता। योगराज सिंह बोले, मैं खुद वर्ल्ड कप खेलना चाहता था। पर जब नहीं खेल पाया, तभी सोच लिया था कि अब अपना सपना अपने बेटे के माध्यम से पूरा करूंगा। बोले युवराज महज डेढ़ साल का था जब मैंने कह दिया था कि मैं इसे वर्ल्ड चैंपियन बनाऊंगा। इसके बाद मैं इसके लिए प्लास्टिक का बैट और बॉल लेकर आया। मां से कहा कि बॉल इसकी ओर फेंको, जब मां ने बॉल फेंकी तो युवराज ने घूमा के बॉल फैंकी और खिड़की का शीशा टूट गया। मैंने तभी कह दिया था कि यह सर गार्फील्ड सोबर्स जैसी बैटिंग करता है।