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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

महिला पर खुद पर हमला कराने का आरोप, पुलिस चार्जशीट में नाम जोड़ने की तैयारी में

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Dainik Bhaskar

Jun 05, 2019, 11:10 PM IST

पुलिस का कर्तव्य है कि वह जांच करे : कानूनविद

  1. – जब सवाल किया गया कि इस तरह के मामले में क़ानून किया कहता है तो क्राइम काउंसल नितिन प्रधान ने कहा, “पुलिस का कर्तव्य बनता है कि वह मामले की जांच करें, अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए पूछताछ करें और फिर अरेस्ट करें।” प्रधान ने इस बात पर सहमति जताई कि महिला की गिरफ्तारी के लिए मजबूत केस बनाया गया है। वो कहते हैं, “जब आरोपी सबूतों या गवाहों के साथ फरार हो जाता है या छेड़छाड़ करता है तो गिरफ्तारी और कस्टडी अनिवार्य हो जाती है।”

  2. अगर महिला पर लगे आरोप सही तो रेप केस में संदेह

    – महिला ज्योतिषी पर झूठे सबूत गढ़ने का आरोप लग रहा है, ताकि यह साबित हो सके कि उस पर करण ओबेरॉय के खिलाफ दायर रेप केस को वापस लेने का दबाव बनाया रहा है। इस बारे में नितिन प्रधान कहते हैं, “अगर उस पर लगे आरोप सही हैं तो ओबेरॉय के खिलाफ लगाए गए रेप के आरोपों पर संदेह जाता है।”
    – प्रधान आगे कहते हैं, “अपराध करने में कथित साजिशकर्ता होने के नाते दूसरी एफआईआर के लिए उसकी कार्रवाई को अलग से नहीं देखा जा सकता। लेकिन सिर्फ आरोपों के आधार पर इसे पहली एफआईआर से जोड़ा जा सकता है और सबूतों से छेड़छाड़ के रूप में देखा जा सकता है। इससे आरोपी की मंशा का भी पता चलता है, जिसकी जड़ें भी पहली एफआईआर से जुड़ी होंगी। एक प्राकृतिक अनुमान के रूप में पुलिस को चाहिए कि वह महिला पर लगे आरोपों को गंभीरता से ले और अच्छी तरह से इस बात की जांच करे कि पहली एफआईआर दर्ज कराने के पीछे उसका मकसद क्या था। इसके बाद सबकुछ साफ हो जाएगा।”
    – प्रधान ने यह भी कहा कि अगर पुलिस महिला पर लगे आरोपों की जांच नहीं करती है और उसे पूछताछ के लिए समन नहीं भेजती है तो यह ओबेरॉय के वकील के लिए कानूनी चुनौती के रूप में अच्छा आधार बन सकता है।  

  3. सोमवार को किया था वकील ने सरेंडर

    – 25 मई को महिला पर चार युवकों जीशान अहमद (23) और अल्तमश अहमद (22), जितिन संतोष कुरियन (22) और अराफत अहमद अली (21) ने चाकू से हमला किया था, जिन्हें बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया था। इनमें से अराफत अहमद अली ने यह स्वीकार किया था कि हमला महिला के वकील अली कासिफ खान के इशारे पर किया था। सोमवार को खान ने कोर्ट में सरेंडर किया और जमानत ले ली। लेकिन इससे पहले उसने कोर्ट को बताया, “महिला ने पुलिस स्टेशन में मेरे सामने यह स्वीकार किया था कि उसने मेरी जानकारी के बगैर मेरे भतीजे को साजिश के लिए अप्रोच किया था। वकील ने महिला को काला जादू करने वाली बताया। दावा भी किया कि पिछले महीने जब कोर्ट में ओबेरॉय की जमानत की सुनवाई हो रही थी, तब महिला ने काला जादू किया था। “
     

  4. ओबेरॉय के वकील ने भी उठाया सवाल

    – करण ओबेरॉय के वकील दिनेश तिवारी ने भी पुलिस द्वारा महिला से पूछताछ न करने को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “पुलिस के पास महिला के खिलाफ काफी सामग्री हो चुकी है। फिर क्यों वो उससे पूछताछ और उसे गिरफ्तार करने की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि अधिकांश केसों में कम सामग्री होने के बावजूद भी पुलिस एक्शन में आ जाती है।” 
     

  5. करण को गिरफ्तार हुए हुआ एक महीना

    – महिला ज्योतिषी की शिकायत के बाद ओशिवारा पुलिस ने 6 मई को करण ओबेरॉय को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। रिमांड पूरी होने के बाद 9 मई को अंधेरी कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, जिसके अगले दिन करण के वकील दिनेश तिवारी ने जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है। करीब एक महीने से करण तलोजा जेल में बंद हैं। 

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