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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

गूगल कर्मचारियों ने पैसे बचाने के लिए वैन को अपना घर बना लिया, ऑफिस के पीछे ही रहने लगे

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नौ साल में माउंटेन व्यू में किराया दोगुना से ज्यादा बढ़ चुका
सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा- बढ़ते किराए पर कंपनी का नियंत्रण नहीं

कैलिफोर्निया. गाड़ियों का इस्तेमाल एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए होता है। पर, कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू इलाके में कर्मचारी इनका उपयोग घर की तरह कर रहे हैं। यहां दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी अल्फाबेट (गूगल की पैरेंट कंपनी) का हेडक्वार्टर है। पिछले कुछ समय में यहां मकान किराए में भारी इजाफा हुआ है। 

माउंटेन व्यू में मकान का औसत किराया 2.89 लाख रुपए

इस वजह से कम सैलरी पाने वाले लोग वैन को ही घर बनाकर रहने को मजबूर हो रहे हैं। इनमें गूगल सहित कई अन्य टेक कंपनियों के युवा कर्मचारी भी शामिल हैं। माउंटेन व्यू में मकान का औसत किराया 4151 डॉलर (करीब 2.89 लाख रुपए) है। यह 2010 की तुलना में लगभग दोगुना है। यहां की टेक कंपनियों में काम करने वाले कई युवाओं की सैलरी 10 हजार डॉलर से कम है। जाहिर है वे इतना ज्यादा किराया नहीं दे सकते हैं। वहीं, वैन 800 डॉलर (करीब 55 हजार रुपए) प्रतिमाह के किराए पर मिल जाती हैं। इसलिए कम सैलरी पाने वाले कर्मचारी वैन को घर बनाने को तरजीह देते हैं। 

घर खरीदना और भी महंगा हो गया है। इस इलाके में 2010 में फ्लैट की औसत कीमत करीब 5.22 करोड़ रुपए थी। यह अब बढ़कर 12.54 करोड़ रुपए हो गई है। माउंटेन व्यू को सिलिकन वैली के टेक बूम का प्रमुख स्थान माना जाता है। यहां से कई लोग करोड़पति बने। साथ ही घर की समस्या भी बड़े पैमाने पर सामने आई। यह समस्या इतनी बढ़ गई है कि यूएन ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन बताया। पिछले साल दिसंबर में माउंटेन व्यू में 300 वैन का इस्तेमाल घर के तौर पर हो रहा था। आस-पास के इलाकों में भी इतनी ही है। उधर, माउंटेन व्यू सिटी काउंसिल ने रोड पर वैन पार्क करना अवैध करार दे दिया है, इससे इन वैन में रहने वालों की मुश्किल बढ़ सकती है।