- भास्कर के 10 रिपोर्टर ने 21855 किमी की यात्रा की, देश की 533 सीटों तक पहुंचे
- भाजपा को मध्यप्रदेश में 23 और छत्तीसगढ़ में 4 सीटें मिल सकती हैं
भोपाल/नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के दौरान भास्कर के 10 रिपोर्टर्स ने देश की 543 में से 533 सीटों की यात्रा की और मतदाताओं की नब्ज टटोलने की कोशिश की। भारत यात्रा से लौटे रिपोर्टर्स का आकलन है कि 23 मई को आने वाले लोकसभा चुनाव नतीजों में एनडीए को 533 में से 275 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, यूपीए को 135 सीटें मिलने के आसार हैं। जबकि अन्य पार्टियों को 127 सीटें मिल सकती हैं।
सपा-बसपा-रालोद का महागठबंधन भाजपा को उत्तरप्रदेश में नुकसान पहुंचा सकता है। यहां भाजपा को 44 सीटें तक मिल सकती हैं, वहीं महागठबंधन को 32 और कांग्रेस को 4 सीटें मिल सकती हैं। दक्षिण भारत में यूपीए की स्थिति एनडीए से बेहतर होगी।
पूर्व- 136 सीटें : बिहार में कमजोर महागठबंधन का एनडीए को फायदा मिलेगा
एनडीए | यूपीए | अन्य | |
सीटें | 65 | 26 | 47 |
राज्य और उनकी कुल सीटें: ओडिशा- 21, बंगाल- 42, बिहार- 40, झारखंड- 14, असम-14, सिक्किम-1
- प. बंगाल में तृणमूल की स्थिति मजबूत है। असम में भाजपा को 9 और ओडिशा में 7 सीटें मिल सकती हैं। बिहार में राजग ने मोदी फैक्टर का बखूबी इस्तेमाल किया। वहीं महागठबंधन में सीटों के बंटवारे में देरी और 9 नए चेहरे उतारने से नुकसान होगा। झारखंड में महागठबंधन को फायदा मिल सकता है। (अरुणाचल, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड की 6 सीटें शामिल नहीं हैं।)
पश्चिम-101 सीटें : ओवैसी-अंबेडकर फैक्टर से यूपीए महाराष्ट्र में 12 सीटों पर सिमटेगा
एनडीए | यूपीए | अन्य | |
सीटें | 76 | 23 | 04 |
राज्य और उनकी कुल सीटें: महाराष्ट्र-48, गुजरात-26, राजस्थान-25, गोवा-2
- गुजरात में विधानसभा में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद लोकसभा में कांग्रेस 2 सीटों तक बढ़ पाएगी। महाराष्ट्र की एंटी इनकंबेंसी भाजपा-शिवसेना गठबंधन को काफी नुकसान पहुंचा रही है। शेतकरी व आदिवासी संगठन से कांग्रेस आधी सीटों पर तगड़े मुकाबले में होने के बावजूद ओवैसी-अंबेडकर फैक्टर के कारण 12 सीट तक ठहर जाएगी और भाजपा-सेना 30 का आंकड़ा पार कर लेगी। (दमन-दीव-1, दादरा-नागर हवेली-1 की सीटें शामिल नहीं हैं।)
मध्य भारत- 40 सीटें : भाजपा को मध्यप्रदेश में 23 और छग में 4 सीटें मिल सकती हैं
एनडीए | यूपीए | अन्य | |
सीटें | 27 | 13 | 00 |
राज्य और उनकी कुल सीटें: मध्यप्रदेश-29, छत्तीसगढ़-11
- मध्यप्रदेश में भाजपा ने आधे से ज्यादा चेहरे बदल विधानसभा चुनाव में दिखी लोगों की नाराजगी को कम कर दिया। उधर कांग्रेस के कमलनाथ-ज्योतिरादित्य अपनी सीट के आस-पास ही प्रभावी रहे। प्रदेश में बीजेपी को 23 और कांग्रेस को 6 सीटें मिल सकती हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में भाजपा को 7 और कांग्रेस को 4 सीटें मिल सकती हैं। पिछली बार भाजपा को 10 सीटें मिली थीं। 10 हजार करोड़ की कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ जैसी योजनाएं भाजपा पर भारी पड़ीं।
उत्तर भारत- 126 सीटें : एक बार फिर दिल्ली, हिमाचल की सभी सीटें भाजपा के खाते में
एनडीए | यूपीए | अन्य | |
सीटें | 63 | 18 | 45 |
राज्य और उनकी कुल सीटें: जम्मू-कश्मीर-6, पंजाब-13, हरियाणा-10, हिमाचल प्रदेश-4, चंडीगढ़-1, दिल्ली-7, उत्तर प्रदेश-80, उत्तराखंड- 5
- हरियाणा में जाट बनाम गैर जाट का कार्ड खेला गया है। सिर्फ मोदी के नाम पर वोट मांगे गए हैं। पंजाब में एयर स्ट्राइक का उल्टा असर है, और बेअदबी के कारण शिरोमणी अकाली दल बैकफुट पर है। यहां आप कमजोर है। जिसका फायदा कांग्रेस को होगा। दिल्ली की सातों और हिमाचल की चारों सीट भाजपा को मिल सकती हैं।
दक्षिण भारत- 130 सीटें : दक्षिण में राहुल फैक्टर, यूपीए को पिछली बार से ज्यादा सीटें
एनडीए | यूपीए | अन्य | |
सीटें | 44 | 55 | 31 |
राज्य और उनकी कुल सीटें: आंध्र प्रदेश-25, तेलंगाना-17, कर्नाटक- 28, तमिलनाडु- 39, केरल- 20, पुदुुचेरी-1
- तेलंगाना में टीआरएस का प्राय: सभी सीटों पर मुकाबला कांग्रेस से है। कर्नाटक में लिंगायत और मोदी फैक्टर हैं। तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ भाजपा का गठबंधन करिश्मा नहीं करेगा। आंध्र में जगन मोहन की लहर है। वायनाड से राहुल के लड़ने से यूडीएफ को फायदा होगा। (लक्षद्वीप (1), अंडमान-निकोबार (1) की सीटें शामिल नहीं हैं।)