- सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए बनाया था तीन लोगों का पैनल
- पैनल को मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आठ सप्ताह का समय मिला था
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर एक नोटिस पोस्ट किया गया है। इसके मुताबिक पांच जजों की संवैधानिक बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इसमें सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एस.ए. बोबडे, जस्टिस डी.वाय. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस.अब्दुल नजीर शामिल होंगे। मध्यस्थता पैनल के पास यह मामला जाने के बाद पहली बार इस पर सुनवाई होगी।
बताया जा रहा है कि इस दौरान मध्यस्थता पैनल अपनी रिपोर्ट पेश कर सकता है। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवादित मामले को सुलझाए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता समिति का गठन किया था। तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल में रिटायर्ड जस्टिस खलीफुल्लाह, अधिवक्ता श्रीराम पांचु और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर शामिल हैं।
अवध यूनिवर्सिटी में हुई मध्यस्थता प्रक्रिया
पिछले दिनों इस मामले में याचिका दाखिल करने वाले 25 लोग मध्यस्थता पैनल के सामने पेश हुए थे। याचिकाकर्ताओं के साथ उनके वकील भी मौजूद थे। इन सभी लोगों को फैजाबाद प्रशासन की तरफ से नोटिस भेजा गया था। मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद अवध यूनिवर्सिटी में हुई। इस दौरान किसी को भी वहां जाने की अनुमति नहीं थी।
विवादित भूमि पर पूजा की याचिका खारिज की थी
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में अयोध्या की विवादित भूमि पर पूजा करने की याचिका को अस्वीकार किया था। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा था कि आप लोग इस देश को शांति से नहीं रहने देंगे। कोई न कोई हमेशा उकसाता रहता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस जुर्माने को भी हटाने से इनकार कर दिया था।