- पित्रोदा ने गुरुवार को कहा था- 84 में जो हुआ वह हुआ, 5 साल में आपने (मोदी) क्या किया
- सफाई में कहा- भाजपा नाकामी छिपाना चाहती है, उसके पास नौकरियां, विकास और समृद्धि का कोई विजन नहीं
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा ने 1984 दंगे पर दिए बयान पर शुक्रवार को सफाई दी। पित्रोदा ने ट्वीट किया कि उस वक्त सिख भाइयों और बहनों को हुए दर्द को महसूस कर सकता हूं। भाजपा मेरे इंटरव्यू के तीन शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। वे हमें बांटना और अपनी नाकामियों को छिपाना चाहते हैं।
पित्रोदा ने यह भी कहा कि राजीव और राहुल गांधी कभी भी किसी संप्रदाय को निशाना नहीं बना सकते। भाजपा झूठ का सहारा लेकर कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है क्योंकि वह 5 साल के अपने प्रदर्शन पर बात नहीं कर सकती। भारत में नई नौकरियां, विकास और समृद्धि लाने के लिए उनके पास कोई दृष्टि नहीं है।
पित्रोदा ने गुरुवार को कहा था कि अब क्या है 84 का? आपने (नरेंद्र मोदी) पांच साल में क्या किया, उसकी बात करिए। 84 में जो हुआ, वो हुआ। मोदी ने कल दिल्ली की रैली में कहा था कि कांग्रेस आजकल अचानक न्याय की बात करने लगी है। कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि 1984 के दंगों का हिसाब कौन देगा?
पित्रोदा माफी मांगें: भाजपा
पित्रोदा के 84 वाले बयान को लेकर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘पित्रोदा का बयान हैरान करने वाला है। कोई भी इसकी उम्मीद नहीं कर सकता। वह (पित्रोदा) कहते हैं कि 1984 में नरसंहार हुआ तो क्या हुआ? देश में इस तरह का बयान स्वीकार्य नहीं है।’’
जावड़ेकर ने आगे यह भी कहा कि 84 का नरसंहार देश में हुई भयावह चीजों में से एक है। उस वक्त राजीव गांधी (तत्कालीन प्रधानमंत्री) ने कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती कांपती है। जबकि विज्ञान इसके उलट बात कहता है कि भूकंप के आने पर बड़े पेड़ गिर जाते हैं। पित्रोदा राजीव के सहयोगी थे। वे राहुल के गुरु हैं। अगर गुरु ऐसा है तो चेला (शिष्य) कैसा होगा? पित्रोदा के बयान पर सोनिया और राहुल दोनों को माफी मांगनी चाहिए। केवल सिखों से नहीं, बल्कि पूरे देश से।
वहीं, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने ट्विटर हैंडल से पित्रोदा के बयान की क्लिप शेयर कर लिखा, ‘‘देश मर्डरर कांग्रेस को उसके पापों के लिए माफ नहीं करेगा।’’