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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

रेलवे स्टेशन पर ऐसे कर्मचारी की जरूरत, जिसे सिर्फ लाइट ऑन-ऑफ करना होगा

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गोथेनबर्ग (स्वीडन).बेरोजगारी के इस दौर में कल्पना कीजिए आपको एक ऐसी नौकरी का ऑफ्र मिले, जहां आपको कोई काम नहीं करना होगा। आप ड्यूटी के समय कुछ भी करने को आजाद होंगे। आप चाहें फिल्म देखें या किताबें पढ़ें या सिर्फ सो भी सकते हैं। बस इतना करना होगा कि समय पर पहुंचकर वहां एक फ्लोरेसेंट लाइट को जलाना होगा और ड्यूटी अवधि खत्म होने पर इसे बुझाना होगा।

  1. इसके अलावा ड्यूटी के दौरान वहां रहना भी जरूरी नहीं है। वेतन भी आकर्षक है। हर महीने करीब 1.62 लाख रुपए (2280 डॉलर) दिए जाएंगे। आपकी यह नौकरी स्थाई होगी और सेवा निवृत्ति के बाद पेंशन भी मिलेगी।

  2. इसे “इटर्नल एम्प्लॉयमेंट’ नाम दिया गयाहै। बड़ी बात यह है कि इस जॉब के लिए उम्मीदवार को किसी खास योग्यता की भी जरूरत नहीं है।दुनियाभर के लोग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। सफल उम्मीदवार की नियुक्ति 2026 से होगी, क्योंकि तब तक इस रेलवे स्टेशन के बनने और ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।

  3. गोल्डिन और सेनेबी ने स्वीकार किया कि काम के बिना कर्मचारी ऊब सकता है, लेकिन वह अपनी रचनात्मक प्रतिभा का उपयोग कर सकता है या वह आराम की नौकरी कर सकता है। हमारा उद्देश्य लोगों को श्रम के महत्व को समझाना है।

  4. गोल्डिन और सेनेबी ने कहा कि वे पुरस्कार में मिले धन को ऐसी योजना में निवेश करेंगे, जिससे मिलने वाले रिटर्न से कर्मचारी के वेतन का प्रबंधन करेंगे। निवेश से जो रिटर्न मिलेगा, वह 120 वर्षों तक वेतन के लिए पर्याप्त होगा। इसके लिए वे एक फाउंडेशन का गठन करेंगे।

  5. उनका यह विचार अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी के सिद्धांत से प्रेरित है, जिसमें पिकेटी ने कहा है कि विकसित देशों में औसत मजदूरी बढ़ने की तुलना में पूंजी पर रिटर्न तेजी से बढ़ता है। इससे अमीर और अमीर हो जाते हैं, जबकि गरीब और कामगार वर्ग का जीवन संघर्ष में ही गुजरता है।

  6. स्टेशन की डिजाइन के लिए हुई थी प्रतियोगिता, पुरस्कार राशि से वेतनस्वीडन की सरकार ने गोथेनबर्ग शहर में दो नए स्टेशनों की डिजाइन के लिए आर्टिस्ट्स की प्रतियोगिता कराई थी, जिसे स्वीडिश आर्टिस्ट साइमन गोल्डिन और जैकब सेनेबी ने जीता था। सरकार से उन्हें करीब 4.50 करोड़ रुपए बतौर पुरस्कार मिले। इसी राशि से ये कलाकार बिना काम वाले कर्मचारी को वेतन देंगे।

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      ऐसा होगा काेर्सवैगेन स्टेशन।