वैंक्वूवर (कनाडा). हुवावे की सीएफओ मेंग वांगझू (46) के अमेरिका प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू करने के लिए कनाडा ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। वहां की अदालत में 6 मार्च को इस मामले की सुनवाई होगी। अमेरिका के कहने पर 1 दिसंबर 2018 को कनाडा में मेंग की गिरफ्तारी हुई थी। वो जमानत पर हैं। अमेरिका ने उनके प्रत्यर्पण की अपील की थी।
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अदालत मेंग के प्रत्यर्पण की मंजूरी देती है कनाडा के न्याय मंत्री इस पर आखिरी फैसला लेंगे। मेंग का अमेरिका प्रत्यर्पण हुआ तो वहां उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा।
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हुवावे पर आरोप हैं कि उसने बैंकों से धोखाधड़ी की और अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद ईरान के साथ व्यापार किया। हुवावे ने इन आरोपों को गलत बताया है।
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गिरफ्तारी के 10 दिन बाद मेंग को सशर्त जमानत मिली थी। उनसे 75 लाख डॉलर (54 करोड़ रुपए) का जमानती बॉन्ड भरवाया गया था। उन्हें पासपोर्ट जमा करवाना पड़ा। वो घर में नजरबंद हैं। घर से बाहर निकलने वक्त उन्हें जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस पहननी पड़ती है। यह पाबंदी अभी जारी रहेगी।
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मेंग के पिता रेन झेंगफेई हुवावे के चेयरमैन हैं। मेंग खुद भी कंपनी बोर्ड में वाइस चेयरपर्सन हैं। मेंग के पिता रेन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी हैं। वो 20 साल तक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में थे। बताया जाता है कि उन्होंने सेना के टेक्नोलॉजी डिवीजन में भी काम किया था। रेन ने 1987 में हुवावे की शुरुआत की थी। वो अपनी बेटी मेंग को उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार कर रहे हैं।
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हुवावे सैमसंग के बाद दुनिया की दूसरी बड़ी स्मार्टफोन कंपनी भी है। 2018 में हुवावे ने एपल को पीछे छोड़ दिया। हुवावे से 1.8 लाख कर्मचारी जुड़े हुए हैं। यह 170 देशों में प्रोडक्ट बेचती है। चीन के लिए हुवावे इसलिए अहम है क्योंकि इससे तकनीक के मामले में अमेरिका और यूरोप पर उसकी निर्भरता कम हो जाएगी।