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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

बिगो लाइव, टिक टॉक जैसे ऐप्स पर साइबर बुलिंग और अश्लीलता बच्चों के लिए खतरा

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गैजेट डेस्क. भारत में इन दिनों लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो ऐप्स तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें बिगो लाइव, टिक टॉक, लाइवली, क्वाइ और लाइवमी जैसे ऐप्स प्रमुख हैं। सोशल मीडिया की तर्ज पर शुरू हुए इन ऐप्स में वीडियो शेयर करने और अनजान लोगों से लाइव वीडियो चैट करने के फीचर्स प्रमुख हैं। लेकिन अब ये ऐप्स यूजर्स और विशेष तौर पर बच्चों के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। कारण है इन पर मौजूद अश्लीलता और साइबर बुलिंग का खतरा।

  1. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस के ‘शट’ क्लिनिक के डॉ. मनोज शर्मा कहते हैं इस तरह के ऐप्स में अश्लीलता और साइबर बुलिंग की वजह से बच्चों में तनाव होने की आशंका है। शट द्वारा किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 13 से 17 साल उम्र के 17 फीसदी बच्चों को किसी न किसी माध्यम से पॉर्नोग्राफिक कंटेंट आता है।

  2. इसी तरह यूके में चाइल्ड प्रोटेक्शन चैरिटी संस्था बर्नाडो ने आगाह किया है कि लाइव स्ट्रीमिंग ऐप्स पर कम उम्र के बच्चों के यौन उत्पीड़न का खतरा है। इन्ही खतरों को देखते हुए बांग्लादेश ने हाल ही बिगो लाइव और टिक-टॉक जैसे वीडियो ऐप्स बैन किए हैं। वहीं तमिलनाडु के मंत्री मणिकानंद ने भी टिक टॉक पर बैन की मांग की है।

  3. साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल भी कहते हैं कि ऐसे ऐप्स पर बच्चों के लिए बहुत असुरक्षित माहौल है। वे कहते हैं कि इस तरह की कई ऐप्स पर कोई इन्क्रिप्शन नहीं है। यानी इनपर कमेंट्स करने वालों या वीडियो डालने वालों की पहचान करना मुश्किल हो सकता है। चूंकि यूजर की आइडेंटिटी सामने नहीं आती है, इसलिए कई यूजर्स यहां अश्लीलता फैलाने और आपत्तिजनक कमेंट्स करने में हिचकते नहीं।

  4. गूगल की गाइडलाइन के अनुसार 13 साल के कम उम्र के बच्चे इस तरह की ऐप्स इस्तेमाल नहीं कर सकते। 17 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र वाले ही इसे डाउनलोड कर सकते हैं। लेकिन बड़ी संख्या में बच्चे भी इन ऐप्स के यूजर हैं। डॉ. शर्मा बताते हैं कि लाइव वीडियो ऐप्स और वीडियो शेयरिंग ऐप्स पर अश्लीलता तो है ही, कई बच्चे इन पर बुलिंग (गाली-गलौज या अश्लील टिप्पणियां) का शिकार भी होते रहते हैं। हिचक या डर के कारण वे अपने मां-बाप को बुलिंग या पॉर्नोग्राफिक कंटेंट मिलने या देखने के बारे में नहीं बताते हैं और उन्हें तनाव बना रहता है।

  5. ज्यादातर लाइव स्ट्रीमिंग वीडियो ऐप्स का उद्देश्य अपने हुनर को दिखाना या सोशल नेटवर्किंग की तरह लोगों से जुड़ना है। लेकिन बिगो लाइव और टिक टॉक जैसी ऐप्स पर अश्लील कंटेंट के मामले सामने आते रहते हैं। हालांकि, इन ऐप्स से जुड़ी कंपनियां दावा करती हैं कि वे आपत्तिजनक कंटेंट पर लगातर नजर बनाए रखती हैं और ऐसा कंटेंट अपलोड करने वालों को ऐप से हटाया भी जाता है। टिक टॉक बनाने वाली चाइनीज कंपनी बाइटडांस ने हाल ही में ऑनलाइन सेफ्टी के लिए साइबर पीस फाउंडेशन भी शुरू किया है।

  6. दुग्गल बताते हैं कि भारत में इस तरह की ऐप्स को लेकर कोई खास नियम नहीं है। शिकायत करने पर भी पुलिस आमतौर पर इंवेस्टिगेशन पूरा नहीं कर पाती क्योंकि कई बार सर्विस प्रोवाइडर जानकारी देने से इंकार कर देते हैं। बच्चों के मामले में जरूरी है कि माता-पिता ही उनके साथ दोस्ताना संबंध बनाएं और बुलिंग और अश्लीलता से उन्हें बचाएं।

  7. देश में भी वीडियो शेयरिंग और लाइव स्ट्रीमिंग ऐप्स के यूजर्स की संख्या और कारोबार लगातार बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए टिक टॉक के 5 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स हैं। इसमें लगभग 40 फीसदी यूजर्स भारत से ही हैं। इसमें 27 फीसदी यूजर्स 2017 से 2018 के बीच जुड़े हैं।

  8. वहीं सिंगापुर की कंपनी बिगो ने भी आने वाले तीन वर्षों में भारत में करीब 720 करोड़ रुपए निवेश करने की घोषणा की है। यह कंपनी बिगो लाइव और लाइक ऐप्स की मालिक है जो वीडियो शेयरिंग और लाइव स्ट्रीमिंग ऐप्स हैं। बिगो लाइव की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिसंबर 2017 में डाउनलोड के मामले में यह सिर्फ यू-ट्यूब से पीछे थी।

  9. गूगल का नियम है कि इन ऐप्स का 13 साल से कम उम्र के बच्चे उपयोग न करें। ऐसे मामले देखे गए हैं जहां कम उम्र के यूजर्स लाइ‌व होते हैं और इनके वीडियो पर कमेंट्स करने वाले उनसे अश्लील मांगें करते हैं।

  10. ज्यादातर वीडियो शेयरिंग और लाइव स्ट्रीमिंग ऐप्स कमाई का जरिया भी बन रहे हैं। पैसों के लालच में कई यूजर्स इन पर दिन में 20 घंटे तक लाइव रहते हैं। अनजान लोगों से चैट की लत भी देखी जा रही है।

  11. ऐसे ऐप्स में लाइव वीडियो में अश्लील बातें करने, भद्दे कमेंट्स और अभद्र हरकतों की शिकायत आती रहती हैं। चूंकि पहचान छिपी होती है, इसलिए शिकायत करना मुश्किल होता है। भारत में इसको लेकर अभी कड़े नियम नहीं हैं।

  12. ऐसी ऐप्स पर साइबर बुलिंग काफी बढ़ चुकी है। खासतौर पर बच्चों को इस पर गालियों, अभद्र कमेंट आदि का सामना करना पड़ रहा है। इससे बच्चों में तनाव की आशंका बढ़ रही है।

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      cyberbullying and obscenity threat to children who uses bigo live and tic tok apps