चंडीगढ़ .कोटकपूरा गोलीकांड के मामले में सोमवार को एसआईटी पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी से चंडीगढ़ में पूछताछ करेगी। पूछताछ से एक दिन पहले उन्होंने बताया कि गोलीकांड की रात उन्होंने पूर्व सीएम परकाश सिंह बादल से उनके स्पेशल प्रिंिसपल सेक्रेटरी रहे गगनजीत बराड़ के फोन पर बात कर स्थिति के बारे में अवगत कराया था।
सैनी के इस बयान के बाद बादल, बराड़ और एक पूर्व अकाली विधायक से भी एसआईटी दोबारा पूछताछ कर सकती है। पूर्व अकाली विधायक ने पहले एसआईटी की पूछताछ में इनकार कर दिया था कि उस रात उनकी बादल से फोन पर बात हुई थी जबकि गगनजीत बराड़ का कहना था कि उन्हें कुछ याद नहीं। जबकि सैनी ने खुलासा किया कि उस रात पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के साथ-साथ अकाली विधायक भी मौके पर थे और वह बादल से फोन पर इनटच थे। इस बात को लेकर एसआईटी जांच में जुटी है।
अफसरों की कॉल डिटेल खंगालेगी एसआईटी :कोटकपूरा कांड को लेकर एसआईटी अब मौके पर मौजूद सभी पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के अलावा राजनेताओं की कॉल डिटेल निकालकर जांच करेगी, ताकि यह पता चल सके कि उस समय कौन किससे फोन पर इनटच था। हालांकि कुछ कॉल डिटेल्स निकाल ली गई हैं और उनकी जांच की जा रही है। सैनी के खुलासे के बाद अब कॉल डिटेल की मदद से भी ये क्लियर किया जाएगा कि सुमेध सिंह सैनी, प्रकाश सिंह बादल, गगनजीत बराड़ और अकाली विधायक के अलावा अन्य अफसर और नेता उस समय किसके साथ फोन पर संपर्क में थे।
मुसीबत बढ़ी अब परकाश सिंह बादल और बराड़ से एसआईटी कर सकती है दोबारा पूछताछ :
सैनी से पूछताछ आज : पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी से एसआईटी सोमवार को चंडीगढ़ में पूछताछ करेगी। इससे पहले मोगा के एसएसपी चरणजीत शर्मा और आईजी परमराज सिंह उमरानंगल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया जा चुका है। सैनी के बारे में हाईकोर्ट ने आदेश दे रखा है कि अगर एसआईटी को उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करनी है या उनकी गिरफ्तारी करनी है तो सैनी को एक हफ्ता पहले नोटिस देना होगा। सुमेध सिंह सैनी का कहना है कि एसआईटी की पूछताछ में वो कोई जवाब तोड़मरोड़ कर या गोलमोल तरीके से नहीं देंगे। वो हर सवाल का सही जवाब देंगे और जो हुआ, वही बताएंगे।
अलग-अलग समय पर इन अफसरों से हो चुकी है पूछताछ, अफसरों में भय :एसआईटी ने जिन अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया उनमें, उस समय के ब्यूरो आॅफ इन्वेस्टिगेशन के चीफ एडीजीपी इकबाल प्रीत सहोता, आईजी बठिंडा रेंज जतिंदर जैन, आईजी परमराज सिंह उमरानंगल, लुधियाना के पुलिस कमिश्नर, डीआईजी फिरोजपुर रेंज रणबीर सिंह खटड़ा, डीआईजी बठिंडा अमर सिंह चहल, डिविजिनल कमिश्नर वीके मीना, कोटकपूरा के एसपी हरजीत सिंह और एसडीएम हरजीत सिंह संधू शामिल थे। इससे पहले आईजी परमराज सिंह उमरानंगल से पूछताछ हो चुकी थी लेकिन दोबारा बुलाकर पूछताछ के बाद गिरफ्तारकर लिया गया था। इससे अन्य अफसरों में भी हड़कंप मचा हुआ है।
चरणजीत शर्मा को बरगाड़ी भेजा था, लेकिन प्रदर्शन बढ़ने की सूचना पर वह बहबल कलां चले गए, इसके बाद की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं :कोटकपूरा कांड के बारे में सुमेध सिंह सैनी के अनुसार उस समय वहां शांति ढंग से प्रदर्शन नहीं हो रहा था और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। इसमें 40 पुलिस वाले और 10 प्रदर्शनकारी भी जख्मी हुए थे। जानकारी मिलने के बाद उन्होंने सभी को अस्पताल पहुंचाने के आदेश दिए थे और प्रदर्शनकारियों को ट्रकों में भरकर वहां से ले जाकर छोड़ा था। लेकिन इसके कुछ ही देर बाद हुई फायरिंग के बारे में उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया।
उनका कहना है कि उन्होंने कोटकपूरा में टकराव खत्म होने के बाद सभी पुलिस अफसरों को वापस लौटने के आदेश दे दिए थे। उमरानंगल को कोटकपूरा कांड में ही गिरफ्तार किया गया है। मोगा के एसएसपी चरणजीत शर्मा को बरगाड़ी जाने को कह दिया गया था, लेकिन वो बरगाड़ी जाते समय रास्ते में पड़ते बहबलकलां चले गए, क्योंकि वहां भी प्रदर्शन चल रहा था। सैनी का कहना है कि उनके वहां जाने के बाद क्या हुआ, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। बाद में उन्हें पता चला था कि वहां दो लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में बहबलकलां गोली कांड के बारे में अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। इसी की जांच एसआईटी को करनी चाहिए।
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