चंडीगढ़ .पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में हंगामे के आसार हैं। एक तरफ जहां विपक्ष सरकार को बजट के आंकड़ों पर घेरने की तैयारी कर रहा है वहीं, दूसरी ओर कैग रिपोर्ट भी सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकती है।
कैग रिपोर्ट में सरकारी विभागों का साल भर का लेखा जोखा होता है। जिसमें बताया जाता है कि किस विभाग में एक साल में सरकारी फंडों का दुरुपयोग किया है और किस विभाग ने अपने विभाग की कलेक्शन को कम किया है। बजट पर बहस हो चुकी है लेकिन बजट पर वित्त मंत्री मनप्रीत बादल अपनी बात सोमवार को रखेंगे। ऐसे में जहां विपक्ष पहले ही सरकार के बजट को आंकड़ों का खेल बता चुका है। बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधेंगे। वित्त मंत्री एवं कांग्रेसी विधायकों ने बजट की हिमायत की थी।
लेकिन विपक्षी दलों ने कई मदों को लेकर सरकार से सवाल पूछे थे। कैग की रिपोर्ट को सदन में पेश किए जाने के बाद विधायकों को वैसे कैग रिपोर्ट पढ़ने का कम ही समय मिलेगा। लेकिन कैग रिपोर्ट की समरी पढ़ कर विपक्षी दल सरकार को आडे हाथों ले सकते है। सरकार ने इस बार कैग की रिपोर्ट को सत्र के अंतिम दिन रखेंगी।
पहले पेश की जाती रिपोर्ट तो सरकार आ जाती निशाने पर :सरकार भी यह बात जानती है कि अगर वह रिपोर्ट को पहले रखती तो इसको पढ़ कर विपक्षी दलों के नेता सरकार पर जमकर निशाने साधते। कांग्रेस सरकार विपक्षी दलों को इस बात पर घेरती है कि सरकार ने अपने लगभग दो साल के कार्यकाल में सूबे के लोगों को सुशासन दिया है एवं सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को कम किया है।
लेकिन कैग रिपोर्ट में सरकारी कार्यालयों में चल रहे भ्रष्टाचार एवं लापरवाही का खुलासा किया जाता है। सदन में बजट सत्र के दौरान कई विधायकों ने सत्र से दूरी बनाए रखी। कई विधायक पूरे सत्र में केवल एक दो दिन ही सदन में आए। कई विधायकों के तो प्रश्नकाल के दौरान सवाल और काल अटेंशन लगी हुई थी। सदन में स्पीकर इन विधायकों का नाम लेते रहे लेकिन यह विधायक सदन में मौजूद नहीं थे।
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