इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नरेंद्र मोदी से अपील की है कि शांति का एक मौका दें। उनका कहना है कि वह अपनी बात पर हमेशा कायम रहते हैं। पुलवामा मामले में नई दिल्ली उन्हें पुख्ता साक्ष्य मुहैया कराता है तो वह सख्त एक्शन लेंगे।
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इमरान खान का बयान मोदी की उस चेतावनी के एक दिन बाद आया है, जिसमें राजस्थान में उन्होंने ऐलान किया था कि पुलवामा हमले के दोषियों को भारत छोड़ने नहीं जा रहा। मोदी का कहना था कि इस बार हिसाब बराबर होगा। उनका कहना था कि ये नए भारत की रीति है। इसमें दर्द को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा- हमें पता है कि आतंकवाद को कैसे कुचलना है?
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मोदी ने कहा था कि जब इमरान पाक प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने बधाई के लिए फोन किया था। उस समय इमरान ने खुद को पठान का बच्चा बताते हुए गरीबी और शिक्षा के मुद्दे पर साथ मिलकर काम करने की बात कही थी। मोदी का कहना था कि वह अपनी बातों से पलट गए।
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इससे पहले 19 फरवरी को भी इमरान ने कहा था कि पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद ही वह जैश-ए-मोहम्मद पर कार्रवाई करेंगे। तब उन्होंने यह भी कहा था कि भारत ने अगर हमला किया तो पाक करारा जवाब देगा।
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इमरान का कहना है कि मोदी के साथ 2015 में हुई बैठक में दोनों देशों ने मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने पर सहमति जताई थी, लेकिन पुलवामा हमले से काफी पहले सितंबर यानी 2018 में ही भारत ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे।
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इमरान का इशारा उस घटना की तरफ था, जिसमें भारत ने पाक के साथ होने वाली विदेश मंत्री स्तर की बैठक को पिछले साल रद कर दिया था। भारत ने यह कदम बीएसएफ के जवान की नृशंष हत्या और आतंकी बुरहान वानी के नाम पर पाक में डाक टिकट जारी होने पर उठाया था।
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विदेश मंत्रालय का कहना है कि पुलवामा मामले में साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई की बात कहकर पाक बहानेबाजी कर रहा है। जैश-ए-मोहम्मद और उसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में ही हैं। मुंबई, पठानकोट हमले के बाद भारत ने उसे सारे साक्ष्य मुहैया करा दिए थे, लेकिन पाक कार्रवाई नहीं कर सका।