नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल की बैठक में बुधवार को घर खरीदारों को टैक्स में राहत देने का फैसला हो सकता है। अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है। अफोर्डेबल हाउसिंग पर यह दर मौजूदा 8% से घटाकर 3% करने का प्रस्ताव है। गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह (जीओएम) ने इसके पक्ष में रिपोर्ट दी है।
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अभी अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर 12% जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का भी प्रावधान है। लेकिन, आईटीसी के प्रावधान को खत्म किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक ऐसी शिकायतें आई थीं कि बिल्डर ग्राहकों को इसका फायदा नहीं दे रहे हैं। इसलिए टैक्स रेट घटाने के साथ आईटीसी को खत्म करने पर विचार हो रहा है।
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ऐसे अंडर कंस्ट्रक्शन घर जिनका कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ हो उन पर जीएसटी लगता है। कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी होने के बाद खरीदे गए घरों पर जीएसटी नहीं लगता।
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बुधवार की बैठक में अफोर्डेबल हाउसिंग का दायरा बढ़ाने का फैसला भी हो सकता है। फिलहाल, 50 स्क्वायर मीटर कार्पेट एरिया वाले घर इस श्रेणी में आते हैं। इस सीमा को 80 स्क्वायर मीटर तक बढ़ाया जा सकता है। ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोग इस कैटेग्री का फायदा उठा सकें।
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जीएसटी काउंसिल की बैठक में सीमेंट पर जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% करने की सहमति बनने के भी आसार हैं। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि आम चुनाव को देखते हुए सरकार हाउसिंग सेक्टर को राहत देना चाहती है।
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बैठक के एजेंडे में लॉटरी पर टैक्स दर एक समान करने का मुद्दा भी शामिल है। यह दर 18% हो या 28 फीसदी, इस पर जीएसटी काउंसिल फैसला लेगी। राज्य सरकारों द्वारा संचालित लॉटरी पर फिलहाल 12% जीएसटी लगता है। जबकि, सरकार से अधिकृत लॉटरी पर 28% टैक्स लगता है।