झुंझुनूं/चिड़ावा (राजस्थान).पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्साहै। हर आंख शहीद हुए जवानों की याद में नम है। कुछ ऐसी ही भावनाएं सीमा पर तैनात देश के जवानों के दिलों में भी हैं। अपने साथियों को खो देने का गम दिल में दबाकर अब हमारे जवान अपने घरों पर जो संदेश भेज रहे हैं, वे किसी अदम्य साहस की कहानी जैसे ही हैं।
भास्कर उन परिवारों तक पहुंचा, जिनके बेटे इस समय सीमा पर तैनात हैं। उनसे जाना कि इस वक्त जवान अपने परिवारों वालों को क्या कहरहे हैं…
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सेना की 55 इंजीनियर कोर के मेजर नितेश लमोरिया अभी जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। एक दिन पहले ही उनके साथी मेजर चित्रेश बिष्ट आईडी बम को डिफ्यूज करते समय शहीद हो गए। यह खबर पढ़ने के बाद नितेश के पिता ग्रेनेडियर से रिटायर्ड सूबेदार महावीरप्रसाद लमोरिया, मां सुमन देवी औरपत्नी रितु ने उन्हें फोन लगाया। हालचाल जाने। पिता ने कहा, बेटा वह वक्त सामने है जिसके लिए तुम सेना में गए। इसलिए विचलित तो नहीं हो। बेटे ने जवाब दिया। पापा, नहीं, अब तो वह घड़ी आई है,जिसका इंतजार है। हो सका तो अपने साथी का बदला जरूर लूंगा।
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सूरजगढ़ क्षेत्र के गांव स्वामी सेही निवासी नायब सूबेदार शीशराम झाझड़िया सेना की 8 महार बटालियन में हैं। हमले के बाद परिवार ने उसने बात की। परिवार में सेना से रिटायर्ड हवलदार पिता जुगलालसिंह, मां वेदकौर और पत्नी ममता हैं। सूबेदार शीशराम ने पिता से कहा, अब तो सीमा पर जाने के आदेश का इंतजार है। पिता जुगलालसिंह ने एक ही हिदायत दी कि अपने कर्तव्य से जरा भी पीछे नहीं हटना। शीशराम ने पत्नी ममता से भी बात की और कहा कि मैं देश की सेवा के लिए यहां हूं और तुम्हारा एक ही धर्म है कि परिवार का ख्याल रखो।
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बुहाना तहसील के गांव रायपुर जाटान निवासी नायक विक्रम श्योराण जम्मू-कश्मीर में सेना की 113 टीए बटालियन में तैनात हैं। परिवार में रिटायर्ड हवलदार पिता धर्मपालसिंह, मां किस्तुरी देवी और पत्नी कमला हैं। हमले के बाद परिवार से बातचीत में नायक विक्रम ने पिता से कहा कि अब हम बदला लेकर ही रहेंगे। उन्होंने पिता से गांव और परिवार के बारे में पूछा इसके बाद बातों ही बातों में पिता से कहा कि अब एक ही मकसद है कि दुश्मन को सबक सिखाया जाए। इस मकसद को पूरा करने के लिए हम जान की बाजी तक लगा देंगे।
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बड़ाऊ निवासी सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर जब्बार खान भी जम्मू कश्मीर क्षेत्र में तैनात हैं। पुलवामा हमले के बाद उन्होंने परिवार वालों से बातचीत की। उन्होंने नेकहा कि आप लोग चिंता ना करें। एक पल के लिए भी कमजोर मत पड़ना। हम यहां तैनात ही इसलिए हैं कि देश के दुश्मन को सबक सीखा सकें। बुहाना तहसील के जैतपुर निवासी 12 जाट रेजीमेंट के सिपाही अमित बलवदा ने भी पिता रिटायर्ड सूबेदार जगमालसिंह, मां कमलेश और पत्नी नीतू से बात की। अमित ने कहा कि आप मेरी चिंता ना करें, देशवासियों की सुरक्षा पहले और सर्वोपरि है।