गन्नौर (जितेंद्र बूरा).जिसके पास मुर्रा, उसका ऊंचा तुर्रा। हरियाणा की मुर्रा नस्ल की भैंस और झोटे एग्री लीडरशिप समिट में छाए रहे। वियतनाम के राजदूत फॉम शान चाऊ ने तो मुर्रा नस्ल को अपने देश में पहले भी ले जाने और फिर ले जाने की बात कही।
प्रदर्शनी में गोहाना के सैनी पुरा के वीरेंद्र का 21 करोड़ी झोटा सरताज छाया रहा। हर कोई उसके साथ सेल्फी ले रहा था। बरसालु के रामकिशन 50 लीटर दूध हर दिन देने वाली गाय लेकर पहुंचे। रोहतक के बहाली आनंदपुर से बिजेंद्र अपने बैल राम व लखराम की जोड़ी लेकर पहुंचे। इनसे आज भी वे 20 एकड़ की खेती करते हैं
-
सैनीपुरा गांव के पूर्व सरपंच वीरेंद्र सिंह के पास मुर्रा नस्ल का झोटा सरताज है। इसकी कीमत 21 करोड़ तक बताई है, लेकिन यह बेचने के लिए नहीं है। हर साल इसका सीमन बेचकर ही 12 लाख की आमदनी हो रही है। वीरेंद्र ने बताया कि हर दिन 10 लीटर दूध, दो दर्जन केले, बिनौले व सामान्य चारा इसकी खुराक है। बेहतर तंदरुस्ती के लिए हर दिन 5 किलोमीटर की सैर व दौड़ सरताज की लगवाई जाती है।
-
नारनौंद के सिंघवा खास के अशोक कुमार की रानी 28 किलो दूध देकर पहले नंबर पर है। अशोक ने बताया कि वह पिछले करीब 5 साल से मुर्रा नस्ल की भैंस पाल रहा है। उसके पास 4 भैंस है। इसमें भैंस (रानी) गत वर्ष से सबसे ज्यादा दूध दे रही है। वह रानी को चने की चूरी, बिनौले, खल, खनीज मिश्रण आदि खिलाने के साथ ही तेल की मालिश करता है। इन से उसे प्रतिमाह 35 हजार रुपए की कमाई हो रही है।
-
बरसालू गांव के पशुपालक रामकिशन पास 10 गाय हैं। इनमें कृष्ण देवी नामक गाय प्रदेश में दूध उत्पादन में अव्वल है। यह 50 लीटर दूध हर दिन देती है। तीन बार इसका दूध निकाला जाता है। 25 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचते हैं। 10 हजार रुपए तक इसके मासिक खान-पान पर खर्च होते हैं। यह गाय कई प्रतियोगिताओं में इनाम जीतकर अपने मालिक का मान बढ़ा चुकी है।