वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के मकसद से फंड जुटाने के लिए शुक्रवार को इमरजेंसी (आपातकाल) का ऐलान कर दिया। साथ ही कहा किअगर कांग्रेस (अमेरिकी संसद) ने दीवार के लिए 5.7 बिलियन डॉलर (करीब 40 हजार करोड़) नहीं दिए तो फिर से सरकार का शटडाउन करेंगे।ट्रम्प ने फंडिंग बिल को भी मंजूरी दे दी।
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ट्रम्प ने कहा कि सीमा पर ड्रग्स की तस्करी की समस्या है। मध्य अमेरिका से आ 15 हजार लोग कैंप लगाकर सीमा पर बैठे हुए हैं और अमेरिका में घुसने का इंतजार कर रहे हैं। आपातकाल लगाने की यह एक बड़ी वजह है।
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अमेरिका में लगा आपातकाल भारत में लगी इमरजेंसी की तरह नहीं है, जिसमें सभी नागरिक अधिकार खत्म हो जाते हैं और लोगों को बिना कारण के गिरफ्तार कर लिया जाता है। इसके बजाय अमेरिका में सरकार एक तय लिमिट में ही कामों को अंजाम देती है।
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हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नेंसी पेलोसी और सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चक शूमर ने इमरजेंसी को गैरकानूनी बताया। साथ ही कहा कि इससे राष्ट्रपति की शक्तियों का गलत इस्तेमाल होगा।
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कांग्रेस ने गुरुवार को सीमा पर 88 किमी की फेंसिंग के लिए 1.375 बिलियन डॉलर की रकम पास कर दी। लेकिन ट्रम्प 5.7 बिलियन डॉलर की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ही उन्होंने मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाए जाने का ऐलान किया था।
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पिछले महीने शटडाउन (हड़ताल) के दौरान मैक्सिको सीमा पर दीवार के लिए विपक्षी पार्टी के साथ बात नहीं बनने पर ट्रम्प ने कहा था अगर जरूरत हुई तो राष्ट्रपति पद की ताकतों का इस्तेमाल करते हुए संसद के नियमों को दरकिनार आपातकाल का ऐलान कर सकते हैं। इससे दीवार जल्दी बन जाएगी। यह अपना काम करने का दूसरा तरीका है।”
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दरअसल, ट्रम्प ने अमेरिकी संसद (कांग्रेस) से दीवार बनाने के लिए 5.7 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रु.) की मांग की थी। हालांकि, फंड न मिलने पर उन्होंने इमरजेंसी की धमकी दी थी।