Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

आईफोन-मैकबुक के लिए अमेरिका में स्क्रू नहीं बन पाए तो एपल ने मजबूरी में चीन में ही मैन्युफैक्चिंग शुरू करवाई

0
111

गैजेट डेस्क. बोइंग जैसे बड़े विमान को बनाने वाला अमेरिका आईफोन और मैक कंप्यूटर्स के पार्ट्स अपने देश में नहीं बना पा रहा है। इसका कारण, अमेरिका में इसके लिए जरूरी संसाधन नहीं हैं। यहां टेक्सास जैसे प्रांत में स्क्रू के न मिलने के कारण एपल जैसी कंपनी को 2012 से अपना आईफोन और कंप्यूटर बनाने का काम चीन में शिफ्ट करना पड़ा। सिर्फ यही एक वजह नहीं थी।

अमेरिका में स्किल्ड लोगों की भी कमी, लेबर कास्ट भी ज्यादा

  • अमेरिका में स्किल्ड लोगों की कमी, लेबर कास्ट और बड़े पैमाने पर डिवाइस की उपलब्धता भी इसका महत्वपूर्ण कारण था। इन्हीं कारणों से एपल ने आईफोन और कंप्यूटर्स के लिए 2017 में करीब 11 लाख करोड़ रुपए का बिजनेस चीन को दे दिया।
  • स्क्रू की कमी के कारण कई महीनों तक यहां आईफोन और कंप्यूटर्स की बिक्री को रोकना भी पड़ा था। भविष्य में दोबारा ऐसे हालात पैदा न हों, इसके लिए उसकी नजर अब भारत और वियतनाम जैसे देशों पर है। एपल ने चीन में आईफोन और अपने मैक कंप्यूटर को बनाने के लिए बड़े कारखाने खोले। सैकड़ों लोगों को रोजगार मुहैया करवाया।
  • अमेरिका में चीन के मुकाबले स्किल्ड लोगों की भारी कमी है। इसे देखते हुए एपल ने यह तय किया कि वह बड़े पैमाने पर अपनी डिवाइस की मैन्युफैक्चरिंग चीन में ही कराएगा। इसके लिए नॉर्वे और फिलीपींस में बनाए गए हिस्से भी चीन में भेज दिए जाते हैं।
  • एपल के सीईओ टीम कुक का कहना है कि यहां हमें अमेरिका के मुकाबले लेबर कास्ट भी सस्ती पड़ती हैं। कुल मिलाकर हम अपने प्रोडक्ट की बेहतरी के लिए जो कुछ भी किया जा सकता है, उसे कर रहे हैं।
  • न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इन्हीं सब कारणों से पिछले 16 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब एपल को बड़ा धक्का लगा है। एक ओर आईफोन की उम्मीद से कम बिक्री और दूसरी तरफ चीन में आईफोन की बिक्री में आई गिरावट के कारण एपल ने 2019 के पहले क्वार्टर के रेवेन्यू अनुमान में कटौती भी कर दी।

चीन में एपल के रिटेल और चैनल पार्टनर्स को भी लगा झटका
एपल की मानें तो कंपनी चीन में कम सफल रही। यहां एपल के कुल 40 लाख स्टोर्स हैं। वह दुनिया का तीसरा बड़ा मार्केट है। इस वित्तीय साल में कंपनी की सेल ने चीन में कुल 3.70 लाख करोड़ रु. के आंकड़े को छुआ था। इसमें ज्यादातर आईफोन थे। साल 2018 के दूसरे हाफ में जब चीन की अर्थव्यवस्था धीरे होने लगी, तो कुक ने कहा कि 25 सालों में सबसे कम जीडीपी ग्रोथ के कारण एपल के रिटेल स्टोर और चैनल पार्टनर्स को भी झटका लगा।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

apple shifted manufacturing of iphones and macbook to china for screw