चंडीगढ़.शुक्रवार देर शाम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की मीटिंग से हिस्सा लेने के बाद जब डॉ. जगतराम दिल्ली से चंडीगढ़ की ओर आ रहे थे तो फोन की घंटी बजी। ये आवाज उनके लिए एक ऐसी खुशी लेकर आई थी, जिसके बारे में पिछले दो साल से कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन पूरी खुशखबरी उन तक नहीं पहुंच पा रही थी।
डॉ. जगतराम को 25 जनवरी की शाम पद्मश्री देने की घोषणा हुई। देर शाम जब वे अपने घर पहुंचे तो फूलों उनका स्वागत हुआ। वे खुश थे और साथ ही खुश था उनका परिवार। इस सम्मान के बारे में वे बोले-यह सबकुछ मरीजों का है, पीजीआई का है। मैं तो सिर्फ अपना काम करता रहा हूं।
वही करता रहूंगा। 1979 में उन्होंने पीजीआई जॉइन किया था, तब से अब तक वे लगातार मरीजों से हर दिन संपर्क में रहे हैं। अब तक वे एक लाख से ज्यादा आंख के ऑपरेशन कर चुके हैं। इनमें से कम से कम 10 हजार तादाद छोटे बच्चों की सर्जरी की है। छोटे बच्चों का कैट्रेक्ट का ऑपरेशन करना जटिल होता है। डॉ. जगतराम न केवल अपने प्रोफेशनल स्किल्स के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उनका सरल व्यवहार भी उन्हें मरीजों के निकट लाता है। {पेज-3
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today