रोहतक (रत्न पंवार).प्रदेश की सड़कों पर बेसहारा गाय, कुत्ते और बंदरों की समस्या को लेकर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। ऐसे में इनसे बढ़ती पब्लिक न्यूसेंस की समस्या को लेकर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने पखवाड़े के तहत हरियाणा को चुना है।
बोर्ड की ओर से 14 से 30 जनवरी तक चलाए जाने वाले इस पखवाड़े के तहत आवारा पशुओं की गणना से लेकर उन्हें आश्रय उपलब्ध करवाने के कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। पखवाड़े में कुत्तों व बिल्लियों की नसबंदी भी करवाई जानी है। कुत्तों को भी गोद देने पर अभियान चलाया जाएगा। अभी तक सभी सब डिविजन एसडीएम के पास याचिका लगाने के बाद अब इनकी अनिवार्य पालना पर जोर दिया जा रहा है।
याचिकाकर्ता एवं बोर्ड के मास्टर ट्रेनर के मुताबिक अब तक सरकार की ओर से आवारा पशुओं के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम फेल हो गया है। इसके लिए पंचायत स्तर पर कमेटियां भी ठीक से नहीं बन पाई है। बोर्ड के मास्टर ट्रेनर ने सभी एसडीएम के पास अनिवार्य पालना के लिए याचिका लगाकर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कदम उठाने की गुहार लगाई है। साथ ही बोर्ड की ओर से इस बार मनाए जा रहे पखवाड़े के लिए भी इसी थीम को मुख्य तौर पर उठाया गया है।
इस अभियान के तहत प्रदेश सरकार को हरियाणा एनिमल ब्रिडिंग पॉलिसी-2018 की भी दुरुस्त तरीके से पालना करने की बात कही गई है। भारत स्काउट एंड गाइड की कमिश्नर फॉर एजुकेशन सुकन्या बेरवाल की ओर से उपाय भी सुझाए गए हैं, ताकि जनता की मदद से इन समस्याओं का निदान कर सकें और पशुओं को भी नुकसान ना पहुंचे। इसके तहत पशुओं की पांच स्वतंत्रता का भी ध्यान रखने को लेकर विशेष तौर पर जोर दिया गया है, ताकि जैव विविधता के लिए भी कोई खतरा पैदा न हो सके।
भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड की ओर से पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके तहत आवारा पशुओं की पांच स्वतंत्रता का भी नुकसान नहीं होना चाहिए। इसकी भी उन्हें मॉनिटरिंग करनी होगी। 14 से 30 जनवरी तक चलने वाले पखवाड़े में भारत स्काउट एंड गाइड, इंडियन पिपुल फॉर एनिमल भी मदद कर रहे हैं। एसडीएम की ओर से अनिवार्य तौर पर आदेशों की पालना करवाई जाएगी। – नरेश कादयान, मास्टर ट्रेनर, भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड।
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