गुरदासपुर.सांझा मोर्चा की ओर से मांगों को लेकर पटियाला में पिछले साल 8 अक्टूबर को दिए गए धरने में शामिल होने वाले 5 अध्यापकों को शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है। अध्यापक नेताओं का कहना है कि ऐसा कर सरकार अध्यापकों के संघर्ष को दबा नहीं सकती। इससे संघर्ष की आग और भड़केगी।
डायरेक्टर जनरल स्कूल शिक्षा कम स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर सर्व शिक्षा अभियान अथॉरिटी पंजाब ने जारी पत्र में कहा है कि टर्मीनेट किए अध्यापकों ने अपनी ड्यूटी छोड़कर धरने में हिस्सा लिया था। पत्र में लिखा गया है कि 8 अक्टूबर 2018 को अध्यापक छात्रों को पढ़ाने की बजाय धरने में हिस्सा ले रहे थे।
इसके चलते सभी को 8 अक्टूबर को ही मुअत्तल कर दिया गया था। सभी को 9 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए थे, जिसमें से कुछ अध्यापकों ने जवाब दिया, लेकिन कुछ ने नहीं दिया। इसके चलते बर्खास्त किया गया है। सांझा अध्यापक मोर्चा के नेता कुलदीप पुरेवाल ने कहा कि पटियाला में दिए गए धरने में खुद शिक्षा मंत्री ने पहुंचकर भरोसा दिया था कि अध्यापकों की मांगें मान ली जाएंगी। मांगें मानना तो दूर पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग ने अध्यापकों को टर्मीनेट करके भद्दा मजाक किया है।
ये अध्यापक बर्खास्त किए :
टर्मिनेट अध्यापक सांझा माेर्चा की अगुआई में 7 अक्तूबर 2018 से पटियाला के गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब के सामने 56 दिन चले पक्के धरने का हिस्सा बने थे। इनमें पंजाबी अध्यापक हरदीप सिंह सरकारी सीसे स्कूल ककराला, अंग्रेजी अध्यापक हरजीत सिंह सरकारी हाई स्कूल कोठे नत्था सिंह, साइंस अध्यापक हरविंदर सिंह स्खेड़ी जट्टां जिला पटियाला, सामाजिक शिक्षा अध्यापक भरत कुमार सरकारी मिडिल स्कूल कछवां जिला पटियाला, साइंस अध्यापक दीदार सिंह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मुदकी जिला फिरोजपुर शामिल हैं।
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