बीजिंग. चीन ने चांद पर कपास के बीज अंकुरित करने में सफलता हासिल की है। चीन की ओर से चांद पर भेजे गए रोवर पर कपास के बीज अंकुरित हुए हैं। यह पहला मौका है, जब इंसानों की दुनिया से परे चांद पर कोई पौधा पनप रहा है। वैज्ञानिकों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। चीन को अब यहां आलू उपजाने की भी उम्मीद है।
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चोंगकिंग विश्वविद्यालय के एडवांस्ड टेक्नॉलजी रिसर्च इंस्टिट्यूट से जारी तस्वीरों की सीरीज के मुताबिक, चांग ई-4 के इस महीने चंद्रमा पर उतरने के बाद यह अंकुर एक डिब्बे के भीतर मौजूद जालीनुमा ढांचे से पनपा है।
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इस प्रयोग की डिजाइन की अगुआई करने वाले शाइ गेंगशिन ने कहा कि यह पहला मौका है, जब मानव ने चंद्रमा की सतह पर पौधों के विकास के लिए प्रयोग किए। चांग E-4 तीन जनवरी को चंद्रमा के सबसे दूर के हिस्से में उतरा और प्राकृतिक उपग्रह के कभी न देखे गए हिस्से तक पहुंचने वाला विश्व का पहला अंतरिक्ष यान बन गया।
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चोंगकिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बताया कि हमने पानी और मिट्टी से भरा एक डिब्बा भेजा था। यह कोई 18 सेंटीमीटर का है। इसके अंदर कपास, आलू और सरसों के एक-एक बीज के साथ-साथ फ्रूट फ्लाई के अंडे और ईस्ट भेजे गए। यूनिवर्सिटी ने बताया कि अंतरिक्षयान से भेजी गई तस्वीरों में देखा गया कि कपास के अंकुर बढ़िया से विकसित हो रहे हैं, लेकिन अब तक अन्य पौधों के बीजों के अंकुरित होने की खबर नहीं है।