झज्जर (देवेंद्र शुक्ला).झज्जर के बाढ़सा में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआई) का पहला फेज तैयार है। सरकारी उपक्रम में देश के पहले और सबसे बड़े कैंसर अस्पताल में 14 जनवरी से आईओपीडी शुरू होगी। मरीज भर्ती हो सकेंगे। अभी परामर्श दिया जा रहा है। कैंसर रोगी 250 बेड का वार्ड तैयार है। ट्रीटमेंट मशीनों, आॅपरेशन थियेटर व कीमोथेरेपी के इंतजाम पूरे किए जा रहे हैं। एनसीआई को पीएमओ से उद्घाटन की तारीख का इंतजार है। यहां जल्द लाखों रु. में होने वाली प्रोटोन थेरेपी गरीबों के लिए मुफ्त होगी। 2 माह में मशीन का ऑर्डर मंत्रालय जारी कर देगा। 1 साल में इलाज शुरू होगा।
किन रोगों में कैसे काम करती है प्रोटोन थेरेपी
प्रोटोन बीम से कैंसर ट्यूमर को सटीक वार कर नष्ट किया जाता है। इससे शरीर के अन्य हिस्सों पर रेडिएशन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। प्रोटोन थेरेपी पार्किंसंस रोग, मिर्गी, धब्बेदार अध पतन, धमनीविस्फार संबंधी विकृतियों, गंभीर रुमेटोलोगिक स्थितियों आदि के इलाज में भी कारगर है। अभी तक मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल व चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में ही इसकी सुविधा उपलब्ध है।
एनसीआई इसलिए टाटा मेमोरियल से होगा आगे
- 1. एम्स में कैंसर के लिए 182, टाटा में 675 व एनसीआई में 710 बेड हैं।
- 2. एनसीआई में एशिया की बड़ी लैब।
- 3. एनसीआई में 40 करोड़ की लीनियर एक्सलेटररेट मशीन, प्रोटोन थेरेपी के लिए 35 करोड़ की मशीन होगी।
- 4. एनसीआई में रिसर्च कैंपस भी।
- 5. एनसीआई में 10 रुपए की कार्ड फीस। टाटा में कैटेगरी वाइज खर्च।
यूके, यूएसए व फ्रांस से लेंगे सहयोग एनसीआई बड़ी उपलब्धि है। यहां देश- विदेश के मरीजों का इलाज होगा। साथ ही हमारे डॉक्टर अपने ही देश में रिसर्च कर सकेंगे। एनसीआई यूके, यूएसए और फ्रांस के संस्थानों से चिकित्सीय सेवाओं में सहयोग लेगा। -प्रो. जीके रथ, हेड, एनसीआई
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