नई दिल्ली.नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देने के लिए राज्यसभा में बुधवार को विधेयक पेश किया जाएगा। मंगलवार को 5 घंटे चली बहस के बाद यह लोकसभा में पास हो गया था।
लोकसभा में भाजपा के पास पर्याप्त संख्या बल होने के चलते यह आसानी से पास हो गया। विधेयक के पक्ष में323 और विरोध में 3 वोट पड़े।चर्चा के दौरान कांग्रेस-सपा-बसपा ने समर्थन की बात कही। हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा चुनाव नजदीक होने पर इस बिल को लाने के लिए सरकार की मंशा पर सवाल जरूर उठाए। अगर राज्यसभा में भी ये पार्टियां समर्थन देती हैं तो मोदी सरकार के लिए बिल पास कराने की राह आसान हो जाएगी।
कांग्रेस-सपा के समर्थन से सरकार की राह आसान
राज्यसभा में सांसदों की मौजूद संख्या 244 है। बिल पारित कराने के लिए वहां दो तिहाई सांसदों यानी 163 वोटों की जरूरत होगी। भाजपा (73) समेत एनडीए के पास 88 सांसद हैं। कांग्रेस (50), सपा (13), बसपा (4), राकांपा (4) आप (3) ने बिल का समर्थन किया है। इनकी संख्या 74 होती है। इस तरह एनडीए और बिल का समर्थन कर रहे विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 162 हो जाती है। 13-13 सांसदों वाली तृणमूल, अन्नाद्रमुक या बीजद (9), तेदेपा (6) और टीआरएस (6) में से किसी एक के समर्थन करने पर भी यह बिल राज्यसभा में आसानी से पारित हो जाएगा।
सपा के समर्थन के बाद राज्यसभा में सरकार की राह हुई आसान
- राज्यसभा में सांसदों की मौजूद संख्या 244
- बिल पारित कराने के लिए जरूरी वोट 163
- एनडीए 88 + कांग्रेस और अन्य दल 74 = 162
एनडीए रास सदस्य
भाजपा | 73 |
जदयू | 6 |
शिवसेना | 3 |
अकाली | 3 |
आरपीआई | 1 |
बोडोलैंड फ्रंट | 1 |
एसडीएफ | 1 |
कुल | 88 |
इन्होंने भी बिल कासमर्थन किया
कांग्रेस | 50 |
सपा | 13 |
बसपा | 4 |
आप | 3 |
राकांपा | 4 |
कुल | 74 |
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