मोहाली.पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि पहले नगेंद्र के पेट में तेजधार हथियार घोंपकर उसका कत्ल किया गया और बाद में लाश को आग लगा दी गई। इससे यह भी साबित होता है कि कातिल नगेंद्र से कितना आक्रोशित था।पुलिस की ओर से अज्ञात कातिलों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 का केस दर्ज कर लिया गया था। लेकिन अब इस 302 के साथ सबूत मिटाने की धारा 201 व 511 की जोड़ दी गई है।
दैनिक भास्कर की ओर से पहले दिन ही यह खुलासा कर दिया था कि नगेंद्र के पेट के निचले हिस्से में गहरा घाव है और उसके हाथ व पांव तक नहीं जले हैं। न ही आग लगने पर उसके भागने आदि के कोई
निशान हैं। इसलिए यह आत्महत्या नहीं, बल्कि कत्ल किए जाने की ओर साफ रूप से इशारा करते हैं।
भास्कर इन्वेस्टिगेशन को स्टेट फोरेंसिक सेल ने आगे बढ़ाते हुए घटना के दूसरे दिन सीन ऑफ क्राइम से ऐसे कई सबूत जुटाए, जोकि कातिल अपनी तरफ से साफ कर चुका था।
इसलिए नहीं आई चिल्लाने की आवाज :
नगेंद्र की लाश का पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस के पास आ गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि नगेंद्र के पेट के नीचे एक गहरा घाव था। इसकी लंबाई 20 सेमी., चौड़ाई 15 सेमी. तथा गहराई 3 सेमी. थी। यह घाव किसी तेजधार हथियार से किया गया था। पोस्टमार्टम में यह भी साफ हुआ कि पहले तेजधार हथियार नगेंद्र के पेट में घोंपकर उसका कत्ल किया गया और उसके बाद शव को आग लगा दी गई। इसी कारण जलने पर नगेंद्र के चिल्लाने की कोई आवाज नहीं आई, क्योंकि उसकी मौत जलाने से पहले ही हो चुकी थी।
जली लाश की आंतें बाहर निकली हुई थी :
घटना के दिन नगेंद्र के जले शव के पेट के निचले हिस्से में काफी आंतें बाहर निकल कर सड़ी हुई थी। उसी दिन यह साफ हो रहा था कि पेट के निचले हिस्से में कोई घाव बना हुआ है लेकिन आसपास खून नहीं था। लाश को आग लगाने का मतलब खून के धब्बों को आग में नष्ट करना व पहचान छिपाना था।
पंच को जूता दिखाया था, उससे भी हुई पूछताछ :
नगेंद्र राजनीति में भी सक्रिय था। बलौंगी कॉलोनी की पंचायत का चुनाव 30 दिसंबर को हुआ था। चुनाव में एक पंच जीता था। आरोप है कि पंच ने नगेंद्र के घर के सामने तीन बार आते-जाते खड़े होकर ढोल बजाया था। आक्रोशित होकर नगेंद्र ने पंच को जूता दिखाया था। पंच से पुलिस काफी समय रविवार को पूछताछ की है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today