मुजफ्फरपुर.बालिकागृह कांड के 21 आरोपियों पर दायर चार्जशीट में सीबीआई ने चौंकाने वालेखुलासे किए हैं। बालिकागृह में रोज ब्रजेश ठाकुर की महफिल सजती थी। ब्रजेश, बालिका गृह के स्टाफ और सीडब्ल्यूसी के सदस्य सहित अन्य लोग रात में पहुंचतेथे। किशोरियों को छोटे-छोटे कपड़े पहनाकर अश्लील गानों पर डांस के लिए मजबूर करते और इनकार करने पर उन्हें मारा पीटा जाता था। लड़कियों को ब्लू फिल्में भी दिखाई जाती थीं। इसके बाद नशे का इंजेक्शन व दवा देकर दुष्कर्म किया जाता था। विरोध करने वाली किशोरियों को तो कुर्सियों से बांधकरहवस का शिकार बनाया जाता था। बीते 19 दिसंबर को सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। पूरी चार्जशीट भास्कर को मिली है। इसमें 33 किशोरियाें समेत 102 लोगों की गवाही दर्ज है। सीबीआई की चार्जशीट भी पुलिस की चार्जशीट के पैटर्न पर ही है।
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ब्रजेश ठाकुर ही बालिका गृह का मुख्य आरोपी था। उस पर 29 किशोरियों ने यौन हिंसा, दुष्कर्म व मारपीट के आरोप लगाएहैं। कुछ ने यह भी बताया है कि ब्रजेश ने बालिकागृह में रहने वाली तीन किशोरियों की जान ले ली थी।
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ब्रजेश की राजदार है। सेवा संकल्प एवं विकास समिति के कार्यों को मैनेज करती थी। किशोरियों को सेक्स की शिक्षा देती थी और इसके लिए धमकियां भी। इनकार करने वाली को नमक रोटी खिलवाती थी, जो डांस करती थी उसे बेहतर खाना मिलता।
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बाल कल्याण समिति का अध्यक्ष था। अकसर बालिकागृह में किशोरियों की काउंसलिंग के नाम पर सदस्य विकास के साथ जाता था। किशोरियों से दुष्कर्म करता था। ब्रजेश के साथ पूरे घिनौने कृत्य में शामिल था।
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बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक थी। अक्सर बालिकागृह जाती थी। किशोरियां उससे बालिकागृह में होने वाले यौन शोषण, दुष्कर्म और प्रताड़ना की शिकायत करती थी तो वह किशोरियों की फरियाद को दबा देती थी।
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जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी था। किशोरियों के संरक्षण की जिम्मेदारी थी। उसने भी ब्रजेश, दिलीप वर्मा, गुड्डू आदि आरोपियों की तरह ही बच्चियों से दुष्कर्म किया।
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प्रात: कमल अखबार और ब्रजेश के होटल का मैनेजर। ब्रजेश के साथ यह भी किशोरियों की यौन हिंसा में शामिल है। किशोरियों को पीटता था। लड़कियों को गंदी नजर से देखता था और यौन शोषण करता था।
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किशोरियों को नशीली व बेहोशी की सूई लगाता था। शराब लाता था और रात में किशोरियों से डांस करवा गलत काम करता था।
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मधु का भतीजा है। यह भी रात में बालिका गृह पहुंचता था। किशोरियों से यौन हिंसा करता था।
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बालिकागृह की अधीक्षिका थी। किशोरियों का आरोप है कि वह उन्हें होमो सेक्स के लिए मजबूर करती थी। रेप की शिकायत करने वाली किशारियों को पीटती थी।
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बालिकागृह में गृह माता थी। बच्चियों को घर जैसा माहौल देना इसकी जिम्मेदारी थी। बच्चियों को नशीली दवाएं देती थी। इससे रात में हुए दुष्कर्म का पता सुबह किशोरियों को चलता था।
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बालिकागृह में नर्स के पद पर कार्यरत थी। किशोरियों को डंडेसे पीटती थी। दुष्कर्म में आरोपितों को सहयोग करती थी।
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बालिकागृह में हेल्पर थी। इसका काम वार्डेन कासहयोग करना था। किशोरियों ने इस पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया है। किशोरियों से मारपीट करती थी। जबर्दस्ती दुष्कर्म के लिए किशोरियों को कमरे में भेजती थी।
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सीबीआई ने चार्जशीट में स्पष्ट किया है कि बालिकागृह से जब्त बेड शीट व कपड़ों की मुजफ्फरपुर की एफएसएल युनिट से जांच कराई गई। एफएसएल रिपोर्ट में ग्रे रंग की बेड शीट पर सिमेन व खून के धब्बे मिले हैं।
चार्जशीट के कवर पन्ने पर सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि बयान देने वाली किशोरियों का नाम चार्जशीट में नहीं खोला गया है। इनके नाम व केस स्टडी बंद लिफाफे में कोर्ट में दिया गया है। ताकि किशोरियों की गोपनीयता बनी रही।