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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

फूलका ने ‘आप’ की सदस्यता छोड़ी, तीन महीने पहले विधायक पद से दे चुके हैं इस्तीफा

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लुधियाना. आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एडवोकेट एचएस फूलका ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले फूलका का इस्तीफा आप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले अक्टूबर में फूलका ने विधायक पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपना अगले कदम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

अक्टूबर में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से दिल्ली से मुलाकात के बाद फूलका ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। तब उन्होंने कहा था कि बरगाड़ी बेअदबी प्रकरण और बहबल कलां गोली कांड में कार्रवाई नहीं होने के चलते वे प्रदेश सरकार से नाराज है। सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरा समय दिया, लेकिन उसने कुछ नहीं किया।

मंजूर नहीं हुआविधायक पद से इस्तीफा
फूलका का विधायक पद से इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं हुआ। इसमें विधानसभा के नियम आड़े आ रहे हैं।नियमावली के मुताबिक, इस्तीफे की भाषा बिल्कुल सरल शब्दों में होनी चाहिए। कारणों का उल्लेख नहीं करते हुए इस्तीफे में केवल विधायक द्वारा यही लिखा जाना चाहिए कि वह अपने विधायक पद से इस्तीफा दे रहे हैं। लेकिन, फूलका द्वारा भेजे गए इस्तीफे की भाषा नियम 51 के तहत उचित नहीं है। फूलका ने अपने इस्तीफे में डेढ़ पन्ने का पत्र लिख दिया है। इसके अलावा एक बड़ी बात खुद प्रस्तुत होकर इस्तीफा देना होता है, लेकिन फूलका ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा ईमेल से भेजा था।

यह है बरगाड़ी का मामला
12 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट जिले के गांव बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया था। इसके चलते सिख संगठनों व संगत ने कोटकपूरा व बरगाड़ी से सटे गांव बहबल कलां में धरना दिया था। इसी धरने के दौरान 14 अक्टूबर 2015 को पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी।

विधानसभा में पेश हो चुकी है जांच रिपोर्ट

हालांकि उस वक्त कैप्टन अमरिंदर सिंह, अकाली दल की सरकार से इस मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की बात कह रहे थे। लेकिन जैसे ही वह खुद मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने यह मामला सीबीआई से लेकर रिटायर्ड जज रणजीत सिंह की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन कर दिया। बीते साल 27 अगस्त को विधानसभा के सत्र में आयोग की रिपोर्ट पेश की गई। तब दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आश्वासन दिया था। रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे। अब एडवोकेट फूलका का कहना है कि बावजूद इसके कार्रवाई नहीं हुई।

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लोकसभा चुनाव से पहले फूलका का इस्तीफा आप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।