हिसार.हरियाणा के रोहित कौशिक ने 95 घंटे लगातार एकल नाटक का मंचन कर अमेरिका का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उन्होंने यह परफॉर्मेंस हिसार के चौधरी रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में दी। 76 घंटे तक एकल अभिनय करने का रिकॉर्ड अभी तक अमेरिका के आर्टिस्ट के पास था। रोहित ने 25 दिसंबर को शाम 4:30 बजे मंचन करना शुरू किया था, जो शनिवार सुबह 10:14 बजे तक चला। रोहित बताते हैं कि इस रिकॉर्ड के लिए उन्होंने दो साल पहले तैयारी शुरू कर दी थी। पांच दिन में उन्होंने सिर्फ तरल पदार्थ का सेवन किया।
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भिवानी के रोहित कौशिक ने जीजेयू के चौधरी रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में लगातार 95 घंटे तक एकल मंचन किया। 25 दिसंबर को शाम 4.30 बजे रक्तरंजित मयूरपंख का मंचन शुरू हुआ, जो 29 दिसंबर को सुबह 10.14 मिनट तक चला।मंचन के दौरान हर 3 घंटे के बाद 10 मिनट का रेस्ट लिया। उन्होंने पांच दिन तक केवल लिक्विड ही लिया। इसके साथ उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दावेदारी पेश की है। लगातार मंचन के बावजूद उनकी बॉडी भले ही थकान महसूस कर रही हो, मगर उनके चेहरे पर इस उपलब्धि की खुशी झलक रही थी। एक से अधिक स्थानों में एक शो के सबसे बड़े प्रदर्शन में स्टेजकोच थिएटर आर्ट्स ने 66 प्रदर्शन के साथ यह रिकॉर्ड अपने नाम किया। सबसे छोटा नियमित रूप से चल रहे थिएटर के रूप में क्रेमलोहोफ़्टर, ऑस्ट्रिया के 8 सीटों के थिएटर ने रिकॉर्ड बनाया।
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दो साल पहले रक्तरंजित मयूरपंख के जरिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की ठानी थी। इसके लिए तैयारी शुरू की। लगातार नाटक मंचन करना मेरे लिए ध्यान करने जैसे है। समर्पण भाव से विश्वास का दामन थामे बढ़ा और शायद इसी वजह से सफल भी रहा। शुरू के तीन दिन कोई थकावट महसूस नहीं हुई। 4 दिन बीतने के बाद गले में थोड़ी दिक्कत महसूस हुई। पैरों में हल्का दर्द होने लगा। मगर विश्वास इन सबसे ऊपर था, बस वहीं से हिम्मत बटोरी और पैरों में बैंडेज बांधकर लगा रहा। नाटक मंचन के इन पांच दिन के दौरान केवल लिक्विड पर ही निर्भर रहे। हर तीन घंटे के अंतराल के बाद कभी ब्लैक टी ली तो कभी इलायची और तुलसी के पत्तों के साथ गर्म पानी। साथ ही साथ बीच में दूध और शहद भी लिया। 95 घंटे का यह रिकॉर्ड बन जाने की खुशी थी। पांचवें दिन लगा कि अगर इससे आगे की स्क्रिप्ट होती और ऑडियंस का साथ मिलता तो अपनी इस यात्रा को और आगे बढ़ाता। – जैसा कि भिवानी निवासी कलाकार रोहित कौशिक ने बताया।
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रक्तरंजित मयूरपंख के मंचन के 24 घंटे पूरे होते ही सबसे पहले लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टूटा, जिसमें रोहित ने खुद अपना रिकॉर्ड तोड़ा। 2009 में रोहित ने फतेहाबाद में छठा पांडव के नाम से नाटक का मंचन हुआ था, जो लगातार 24 घंटे 8 मिनट चला था। जो रक्तरंजित मयूरपंख के 24 घंटे के मंचन के बाद नाटक रक्तरंजित के नाम होगा गया।
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किसी भी कीर्तिमान को स्थापित करने में कुछ ऐसे लोगों का हाथ जरूर होता है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक ढाल की तरह साथ चलते हैं। रोहित के साथ भी ऐसी एक पूरी टीम थी, जिसके बारे में बात किए बगैर यह कीर्तिमान अधूरा ही रहेगा। टीम में ये शामिल रहे : –
- म्यूजिक मैनेजमेंट- ललित पांचाल, ध्रुव ग्रोवर
- लाइट- नरेंद्र
- कैमरा- पीके मस्ताना बिदनोई, विरेंद्र चोपड़ा
- मैनेजमेंट- स्वीटी शर्मा, राजन गहलोत
- रात में उपस्थित ऑडियंस – निखिल शर्मा, अमनदीप, नितिका ढुल, अजय, सिद्धार्थ, मयंक और हेमंत।
- साउंड मैनजेमेंट – भजनलाल, श्रवण कुमार और अमन।
- फूड मैनेजमेंट – सौरभ तंवर और अजय तोमर
- रोहित गेटअप और देखरेख – कुलदीप फतेहाबाद, रोहताश फतेहाबाद
- इससे पहले थिएटर की दुनिया में इन रिकॉर्ड्स ने रचा इतिहास
- भारत भर में एक हजार से ज्यादा बार हुआ कोर्ट मार्शल का मंचन – स्वदेश दीपक का कोर्ट मार्शल नाटक का मंचन पूरे भारत में एक हजार से ज्यादा बार हो चुका है।
- लैम्ब के प्लेयर्स थिएटर (यूएसए), 76 घंटे, 18 मिनट 25 सेकंड- कैलिफोर्निया के लैम्ब के प्लेयर्स थिएटर 76 घंटे 18 मिनट 25 सेकंड का रिकॉर्ड बनाया था। इसके मंचन में 40 के लगभग स्टूडेंट्स शामिल थे।