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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

अगले साल से भारत में ही बन सकते हैं एपल के महंगे आईफोन, मैनुफैक्चरिंग प्लांट पर खर्च होंगे 2,500 करोड़ रुपए

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गैजेट डेस्क. एपल की सबसे महंगी आईफोन की सीरीज-X के मॉडल अगले साल से भारत में ही बनने लगेंगे। इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी राउटर्स ने अपनी रिपोर्ट में किया है। राउटर्स के मुताबिक, ताईवान की कॉन्ट्रैक्ट मैनुफैक्चरर कंपनी फॉक्सकॉन 2019 में आईफोन की असेंबलिंग शुरू कर देगी। इनकी असेंबलिंग फॉक्सकॉन के तमिलनाडु स्थित श्रीपेरुंबदूर के प्लांट में होगी और इस प्लांट पर कंपनी 2,500 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश भी करने जा रही है।

इससे 25 हजार नौकरियां पैदा होंगी

  • राउटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉक्सकॉन अपने प्लांट में आईफोन की असेंबलिंग के लिए इस प्लांट की क्षमता को बढ़ाएगी, जिससे 25 हजार नई नौकरियां भी पैदा होंगी। फॉक्सकॉन चीन के प्लांट में भी आईफोन की असेंबलिंग करती है।
  • हालांकि, अभी सिर्फ यही बात सामने आई है कि भारत में आईफोन-X सीरीज के मॉडल असेंबल किए जाएंगे, जिसमें आईफोन-X, XS, XS Max और XR शामिल हैं और ये सभी मॉडल काफी महंगे आते हैं। भारत में ही असेंबलिंग होने से इनकी कीमतें भी कम हो सकती हैं।

एपल का फोकस- भारत में मार्केट शेयर बढ़ाने पर

  • एपल ने इस साल जो तीन नए फोन लॉन्च किए थे, वो काफी महंगे थे। भारत में इन मॉडल्स को ज्यादा पसंद नहीं किया गया क्योंकि इनकी कीमत 76 हजार से लेकर 1.50 लाख रुपए तक है।
  • भारत में अभी तक एपल के सस्ते मॉडल आईफोन- 6S और SE जैसे मॉडल ही तैयार होते हैं, जिन्हें बेंगलुरु में असेंबल किया जाता है। लेकिन कंपनी का फोकस अब महंगे मॉडल की बिक्री है, इसलिए फॉक्सकॉन की कंपनी में इन्हें बनाया जाएगा ताकि इनकी कीमत को कम किया जा सके।
  • कई रिपोर्ट्स में ये बात सामने आ चुकी है कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता स्मार्टफोन मार्केट है, इसलिए एपल भी कम कीमत के जरिए भारत के स्मार्टफोन मार्केट में अपना शेयर बढ़ाना चाहती है।

भारत में इसलिए महंगे मिलते हैं आईफोन

  • भारत में आईफोन की कीमतें ज्यादा होने का सबसे कारण यहां अपनाई जाने वाली टैक्स और टैरिफ पॉलिसी है। इसके अलावा इसका दूसरा बड़ा कारण ये भी है कि यहां पर एपल की कोई मैनुफैक्चरिंग यूनिट नहीं है।
  • वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक बार अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आईफोन को ग्राहकों तक पहुंचने से पहले 5 बिचौलियों से होकर गुजरना पड़ता है। इन बिचौलियों का प्रॉफिट शेयर भी कीमत में जोड़ा जाता है, साथ ही एपल भी अपना प्रॉफिट इसमें जोड़ती है, इसलिए ग्राहकों तक आते-आते आईफोन की कीमतें बढ़ जाती हैं।
  • कई देशों में आईफोन की कीमतें भारत के मुकाबले काफी कम हैं, क्योंकि वहां पर कंपनी का मैनुफैक्चरिंग प्लांट हैं। इसके अलावा, इन देशों की टैक्स पॉलिसी भी एपल को अपने प्रोडक्ट यहां सस्ता रखने का मौका देती हैं।

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