गैजेट डेस्क. दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के लिए साल 2018 सबसे खराब रहा है। पिछले हफ्ते ही अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि, फेसबुक ने 150 से ज्यादा कंपनियों के साथ यूजर्स का डेटा शेयर किया। हालांकि, फेसबुक ने अपनी सफाई में कहा कि उसने यूजर्स की सहमति से कंपनियों को डेटा दिया।
फरवरी 2004 में एक कमरे से शुरू हुई फेसबुक आज दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग कंपनी बन गई। इस 14 साल के इतिहास में फेसबुक अपने अब तक के सबसे खराब दौर का सामना कर रही है।
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- ब्रिटिश पॉलिटिकल कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका पर 8.7 करोड़ फेसबुक यूजर्क का डेटा चोरी होने का आरोप लगा। फेसबुक ने भी इस बात को माना।
- इस डेटा का इस्तेमाल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए किया गया। इससे फेसबुक को काफी नुकसान हुआ और अमेरिकी सीनेटर के सामने मार्क जकरबर्ग को माफी मांगनी पड़ी।
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- इसके बाद सितंबर में फेसबुक ने एक बार फिर 5 करोड़ यूजर्स का डेटा हैक होने की बात मानी। फेसबुक के ‘व्यू एज’ फीचर में खामी आई जिससे हैकर्स ने ‘एक्सेस टोकन’ चुराकर यूजर्स का डेटा हैक किया।
- एक्सेस टोकन एक तरह की डिजिटल-की होती है, जिसकी मदद से यूजर्स एक डिवाइस में हमेशा लॉग-इन रहता है। उसे बार-बार यूजरनेम और पासवर्ड नहीं देना पड़ता।
- इसके दो हफ्ते बाद, अक्टूबर में फेसबुक ने बताया कि 2.9 करोड़ यूजर्स के अकाउंट का डेटा चोरी हुआ है। फेसबुक के मुताबिक, इनमें से 1.5 करोड़ यूजर्स के नाम, कॉन्टेक्ट डिटेल्स जैसे फोन नंबर और ईमेल-एड्रेस चोरी हुए हैं। जबकि 1.4 करोड़ यूजर्स के जेंडर, रिलेशनशिप स्टेटस, बर्थ डेट, रिसेंट सर्च और आखिरी 10 लोकेशन की डिटेल्स चोरी हुई है।
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- 14 दिसंबर को कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट कर बताया कि, एक बग की वजह से 1500 थर्ड पार्टी डेवलपर्स को यूजर्स की प्राइवेट फोटो को एक्सेस करने की अनुमति मिल गई। इस बग की वजह से 68 लाख अकाउंट्स प्रभावित हुए थे।
- फेसबुक के मुताबिक, 13 सितंबर से 25 सितंबर तक इन 12 दिनों में 68 लाख अकाउंट्स की प्राइवेट फोटो को एक्सेस किया। फेसबुक ने बताया, जिन फोटो को फेसबुक पर पोस्ट भी किया नहीं गया, उनका एक्सेस भी थर्ड पार्टी को इस बग से मिला।
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- न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया, फेसबुक ने अपने यूजर्स का डेटा 150 से ज्यादा कंपनियों को दिया। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि, फेसबुक ने नेटफ्लिक्स और स्पॉटिफाई को यूजर्स के निजी मैसेज पढ़ने की इजाजत दी।
- अमेजन को भी इसने बिना यूजर की अनुमति के कॉन्टेक्ट डिटेल्स दीं। ऑनलाइन रिटेलर, एंटरटेनमेंट, ऑटोमोबाइल कंपनियों और मीडिया संगठनों के साथ भी इसने डेटा शेयर किया है।
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इस साल फेसबुक में कई तरह के विवाद और मार्क जकरबर्ग से मतभेद के चलते कई बड़े अधिकारियों ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया। सबसे पहले अप्रैल में वॉट्सऐप के को-फाउंडर जेन कूम ने कंपनी छोड़ी। उन्होंने फेसबुक के डेटा पॉलिसी से नाराजगी के बाद इस्तीफा दिया था।
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उनके अलावा इंस्टाग्राम के फाउंडर रहे केविन सिस्ट्रोम और माइक क्रीगर ने भी मार्क जकरबर्ग से मतभेद के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ऑक्यूलस के को-फाउंडर ब्रैंडन इराइब ने भी फेसबुक एग्जीक्यूटिव से नाराजगी और मतभेद के बाद कंपनी छोड़ दी।
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वॉल स्ट्रीट जर्नल ने फेसबुक के इंटरनल सर्वे के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें दावा किया कि कंपनी के सिर्फ 52% कर्मचारी ही अब कंपनी के भविष्य को लेकर पॉजिटिव हैं, जबकि एक साल पहले हुए सर्वे में ऐसे 84% कर्मचारी थे।