ककरोई रोड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की मुख्य लाइन अधिकारियों के गले की फांस बन गई है। ग्रीवेंस बैठक में मंत्री कृष्णलाल पंवार द्वारा जांच के आदेश देने के बाद अब इस लाइन को दबाने और सफाई के नाम पर बार-बार टेंडर देकर हुई धांधली की परतें खुलने लगी हैं। जांच के आधार पर हाल ही में एसई एसएस लोहान द्वारा चीफ इंजीनियर को भेजी गई रिपोर्ट में पिछले सालों के दौरान इस लाइन पर 74 लाख से अधिक की धांधली होना बताया है। साथ ही सीवरेज टेंडर से जुड़े काफी रिकॉर्ड भी गायब हैं। लाइन अभी भी शुरू नहीं हुई है और आरोप है कि ड्राइंग बनाने से लेकर निर्माण में कई तकनीकी खामियां हुई हैं। यहां सीवरेज लाइन में गड़बड़ी में उच्चाधिकारियों तक की संलिप्ता के संदेह में मामले की विजिलेंस जांच तक के लिए लिखा गया है। इसी सप्ताह एसई एसएस लोहान का चार्ज लेकर करनाल एसई को एडिशनल चार्ज दिया गया है।
रेलवे लाइन से गोहाना की तरफ बसे शहर के सीवरेज निकासी के लिए ककरोई रोड पंर करीब 90 करोड़ की परियोजना से 25 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाया गया। चार साल से यह पूरी तरह चालू नहीं हो पाया है। एसटीपी में पानी पहुंचाने के लिए ककरोई रोड पर करीब 8 किलोमीटर लंबी 40 फीट नीचे सीवर पाइप लाइन डाली गई है। यह 34 से 54 इंच चौड़ाई की है। यह सीवर लाइन एक साल पहले विवेकानंद स्कूल से कुछ आगे करीब 150 मीटर तक डैमेज हो गई है। आज तक यह चालू नहीं हुई है। पब्लिक हेल्थ विभाग की तरफ से भी एसई को जांच के निर्देश दिए गए। अलग से पंचकूला में शहरी निकाय मुख्य अभियंता ओपी गोयल और पंचकूला में पब्लिक हेल्थ विभाग मुख्य अभियंता आरके सिंगला की संयुक्त जांच टीम भी बनाई गई। बाद में जांच टीम पर ही कई आरोप लगे।
<img src=\"images/p3.png\" एसई ने विजिलेंस जांच के लिए लिखा, उन्हीं का छीन लिया कार्यभार
सोनीपत. ककरोई रोड सीवरेज लाइन की सफाई करते श्रमिक।
सीवरेज लाइन की ड्राइंग में ही खोट
<img src=\"images/p2.png\"विशेषज्ञ मानते हैं कि ककरोई रोड सीवरेज लाइन की ड्राइंग सही नहीं है। यह जमीन में 40 फीट गहराई में दबाई गई है, जबकि औसतन 20 फीट ही गहराई रखी जाती है। लाइन दबाते समय नीचे कोई बेस नहीं बनाया गया और लाइन धंस गई। एसटीपी पर कलेक्टिंग टैंक कम गहराई का होने से एसटीपी बंद होने पर सीवरेज वापस घरों में बैक मार सकता है। -अनिल कुमार, शिकायतकर्ता।
लाइन चलाना ही प्राथमिकता : डीसी
<img src=\"images/p2.png\"ग्रीवेंस की बैठक में मंत्री द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। उसके अनुसार जांच चल रही है। जांच कहां तक पहुंची यह तो विभाग के उच्चाधिकारी ही बताएंगे। फिलहाल शहरवासियों की सुविधा के लिए लाइन को चलाना प्राथमिकता है। जांच के बाद जो सामने आएगा उस अनुसार आगामी कार्रवाई होगी। विनय सिंह, डीसी, सोनीपत।
74 लाख की राशि का दुरुपयोग, 36.40 लाख की एक्सेस पेमेंट
पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग के इंजीनियर इन चीफ के निर्देश पर एसई एसके लोहान ने इस लाइन की जांच की। रिपोर्ट में सामने आया है कि ठेकेदारों को टेंडर देने के बाद भी लाइन की सफाई के नाम पर गलत तरीके से एक्सेस पेमेंट करके करीब 74 लाख की सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया। 15 दिसंबर को इंजीनियर इन चीफ को भेजी जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि एसटीपी की लाइन दबाने वाले पहले ठेकेदार को 36.40 लाख रुपए की एक्सेस पेमेंट की गई। जांच के दौरान मेजरमेंट बुक से पेज भी गायब मिले। इससे पहले इसी लाइन की सफाई व मरम्मत के नाम पर अलग से 40 लाख रुपए के फर्जी बिल बनाने की शिकायत पर जांच हुई। इस जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि तत्कालीन एक्सईएन के नेतृत्व में फर्जी कुटेशन तैयार कर अलग-अलग चार कांट्रेक्टर को 38 लाख की पेमेंट की गई। जबकि लाइन का अलग से टेंडर था।
रिकॉर्ड नहीं देने पर हुई एफआईआर
मामले की जांच के निर्देश के बाद तत्कालीन अधिकारियों से रिकॉर्ड मांगा तो उन्होंने उपलब्ध नहीं कराया। जनस्वास्थ्य विभाग डिवीजन नंबर दो के एक्सईएन दलबीर सिंह की शिकायत पर तत्कालीन एक्सईएन, एसडीओ और जेई के खिलाफ रिकॉर्ड नहीं सौंपने की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। अब आगे प्रोग्रेस ठंडी पड़ी है। जांच करने वाले एसई एसके लोहान से 17 दिसंबर को निदेशालय की तरफ से चार्ज लेकर करनाल एसई को एडिशनल चार्ज दे दिया है।
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