नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी की संभावनाओं पर सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया। गडकरी ने कहा- इसके कोई चांस नहीं हैं। मैं जहां हूं, खुश हूं।
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गडकरी ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ प्रवक्ता हूं, जिसके पास पार्टी के पक्ष में बात करने की जिम्मेदारी होती है। मैं ऐसा कुछ नहीं कहूंगा, जो पार्टी के लिए विवादित हो।’’
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लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी भाजपा को चुनौती देने के लिए विपक्षी दल एकजुट होकर महागठबंधन बना रहे हैं। इस पर गडकरी ने कहा, ‘‘विपक्षी पार्टियों का एकजुट होकर महागठबंधन बनाना एक मजबूरी है। गठबंधन से जुड़ना समझौतों, मजबूरियों और सीमाओं का एक खेल है।’’
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मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की हार पर गडकरी ने कहा, ‘‘मैं इसे हार के रूप में नहीं देखता, क्योंकि इसमें भाजपा और कांग्रेस के बीच सीटों का मामूली अंतर था। लेकिन हमने इससे सबक लिया है और अब लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह आमचुनाव जीतेंगे।’’
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हाल ही में तीन राज्यों में भाजपा की हार के बाद मोदी के विरोध में आवाज उठी है। महाराष्ट्र में बड़े किसान नेता और स्व. वसंतराव नाईक कृषि स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने सरसंघचालक को पत्र लिखकर मोदी की जगह गडकरी को लाने की मांग की है।