मरीज की शिकायत पर सिविल में रविवार सुबह विधायक पवन कुमार टीनू ने दौरा कर कहा कि – कांग्रेस राज में सरकारी अस्पतालों की हालत खराब हो रही है। टीनू ने बताया कि कंगनीवाल निवासी मनप्रीत सिंह का उन्हें फोन आया कि उसकी प|ी परविंदर कौर का सिविल अस्पताल में सही इलाज नहीं हो रहा। वह 9 माह की गर्भवती है। शनिवार सुबह से ब्लीडिंग हो रही है। मैं जब सिविल अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने 24 घंटे से रुके सिजेरियन को 1 घंटे में कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मनप्रीत सिंह और उसके परिवार को स्टाफ यही कह रहा था कि-यहां ये मर जाएगी। कही ं और ले जाओ। यह सोचा समझा तरीका है मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने का। स्टाफ मरीजों को निजी अस्पताल रेफर करने में इच्छुक हैं। सरकारी सैलरी लेते हैं, लेकिन काम प्राइवेट अस्पतालों को फायदा पहुंचाने वाला कर रहे हैं।
स्टाफ बदतमीजी करता है, बुलाने पर भी नर्सें नहीं आती : मरीज
सिविल अस्पताल में विधायक टीनू ने किया दौरा, बोले- 24 घंटे से रुका सिजेरियन बाद में एक घंटे में हो गया। -भास्कर
12 घंटे में 12 कदम चलकर नहीं आईं नर्सें
टीनू के गायनी वार्ड के ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचने के बाद कई मरीजों ने उन्हें घेर लिया। मरीजों ने आरोप लगाया कि – अस्पताल का स्टाफ उनसे बहुत बदतमीजी से बात करता है। बार-बार बुलाने पर भी नर्सें नहीं आती। टीनू ने बताया कि – मैने खुद वार्ड से नर्सिंग रूम तक का नापा तो वह 12 कदम बना। यानी 12 घंटे से लंबी रात में नर्सिंग स्टाफ 12 कदम भी नहीं चल सका।
डॉक्टर ने जवाब दिया-
सर्जरी कब करनी है डॉक्टर तय करते हैं
सिजेरियन से हुई बेटी
गायनी विभाग की सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. कुलविंदर कौर ने बताया कि – मरीज शनिवार सुबह पहुंचा तो ब्लीडिंग हो रही थी। ब्लीडिंग रोकने के लिए टीके लगाए। गर्भ में बच्चा कमजोर था। इसलिए 24 घंटे निगरानी कर रहे थे। रविवार सुबह सर्जरी करनी थी। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी थी इसलिए ऑप्रेशन में सर्जन का होना भी जरूरी होता है। सुबह 9:30 बजे सिजेरियन हुआ। उसने बेटी को जन्म दिया है। जच्चा बच्चा स्वस्थ हैं। इस मामले को बेवजह तूल दिया गया। कौन सी सर्जरी कब करनी है यह डॉक्टर तय करते हैं। मरीज के शरीर को भी देखना होता है कि वह सर्जरी के लिए तैयार भी या नहीं। किसी के कहने से ही सर्जरी नहीं कर सकते। हमें ध्यान से काम करना होता है।
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