चंडीगढ़.मॉडल जेल बुड़ैल में सजायाफ्ता कैदी अपनी सजा काट के गया और साथ में जेल की चेक बुक भी चुरा ले गया। इसे चोरी किए भी एक साल हो गया है। इस दौरान आरोपी ने डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के फर्जी साइन कर कैदियों को मिलने वाले फंड से करीब 26 लाख रुपए निकलवा लिए। यह अमांउट थोड़ी-थोड़ी करके निकलती रही, लेकिन हैरानी है कि जेल प्रशासन को इस बारे में पता ही नहीं चला।
अब डिप्टी सुपरिंटेंडेंट जेल ने जांच की तो सारा मामला सामने आया। इस पर उन्होंने तुरंत अफसरों को इसकी जानकारी दी। मामला संवेदनशील था, जिसके चलते आईजी जेल ओपी मिश्रा ने इसकी जानकारी होम सेक्रेटरी को दी। उन्होंने अब मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए है।
सूत्रों की माने तो जांच में जेल में तैनात क्लर्क विक्रम की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। क्योंकि चेक बुक उसी के पास रहती थी। उसने कभी चेक बुक चोरी होने की जानकारी भी नहीं दी। जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को शक हुआ तो जांच हुई, जिसके बाद सारी जालसाजी पकड़ी गई। सूत्रों की माने तो विक्रम आरोपी के साथ जेल से छूटने के बाद भी संपर्क में रहा है।
कुछ काम करवाने के लिए क्लर्क ने अपने साथ लगाया था :
थाना इंडस्ट्रियल एरिया में कत्ल के प्रयास के केस यानि धारा 307 का आरोपी फतेहगढ़ निवासी अमनदीप उर्फ अमन को सजा हुई थी। इस दौरान क्लर्क विक्रम ने अपने साथ काम करने के लिए अमन को कुछ समय के लिए अपने साथ लगा लिया। नवंबर 2017 में अमन जेल से सजा काटकर रिहा हुआ।
बताया गया कि 11 दिसंबर को डिप्टी सुपरिंटेंडेंट जेल अमनदीप सिंह ने रिकाॅर्ड चेक किए तो वे हैरान हुए कि कैदियों के फंड के स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की सेक्टर-22 शाखा से करीब 26 लाख रुपए गायब हैं। उन्होंने रिकाॅर्ड चेक किया तो पाया कि कोई भी पैसा खर्च हुआ ही नहीं था।
बैंक की अकाउंट स्टेटमेंट चेक की तो खुलासा हुआ कि एक साल में 4 से 5 एंट्री 45/45 हजार की किसी अमनदीप के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट में जा रही है। जांच की तो खुलासा हुआ कि जेल की ही चेकबुक से पैसा निकल रहा है। उस पर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट जेल के ही जाली हस्ताक्षर किए हुए हैं। जांच में पता चला कि अमनदीप उर्फ अमन वहीं है, जोकि पहले जेल में सजा काट चुका है।
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