गैजेट डेस्क. भारतीय मोबाइल कंपनियां और ऐप्स यूजर्स का डेटा एक्सेस करती हैं और थर्ड पार्टी से शेयर भी करती हैं। अर्का कंसल्टिंग की तरफ से की गई रिसर्च में पता चला है कि भारतीय ऐप्सविदेशी ऐप्स के मुकाबले 45% ज्यादा डेटा कलेक्ट करती हैं। इसमें यूजर्स के मैसेज, कैमरा, कॉन्टेक्ट और कॉल लॉग से जुड़ी जानकारी शामिल होती है।
अर्का कंसल्टेंसी ने ‘स्टेट ऑफ प्राइवेसी ऑफ इंडियन मोबाइल ऐप्स एंड वेबसाइट-2018’ नाम से रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की 69% एंड्रॉयड ऐप्स यूजर्स की लोकेशन को लगातार एक्सेस करती रहती हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, 71% चिल्ड्रन ऐप्स उनकी लोकेशन, फोन डिटेल्स और स्टोरेज को एक्सेस करती हैं।
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- सबसे ज्यादा 88% एंड्रॉयड ऐप्स एक्सटर्नल स्टोरेज को एक्सेस करने की परमिशन लेती हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इंटरमीडिएट रिजल्ट को स्टोर करने के लिए एक्सटर्नल स्टोरेज की जरूरत होती है। इसके बाद 79% ऐप्स डिवाइस आईडी और कॉल डिटेल्स जबकि 66% ऐप्स यूजर्स के ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट को एक्सेस करने के लिए परमिशन मांगती हैं।
- वहीं, 69% एंड्रॉयड ऐप्स यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करने के लिए परमिशन लेती हैं, जबकि 50% ऐप्स कैमरा एक्सेस करने और 53% ऐप्स मैसेज को पढ़ने के लिए परमिशन लेती हैं। वहीं 27% ऐप्स ऐसी हैं जो माइक्रोफोन को एक्सेस करने के लिए परमिशन लेती हैं।
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- एंड्रॉयड ऐप्स की तरह ही आईओएस ऐप्स भी यूजर्स के डेटा को एक्सेस करने के लिए बार-बार परमिशन लेती हैं। 79% आईओएस ऐप्स ऐसी हैं जो ऐप्स यूज करने पर कैमरा एक्सेस करती हैं जबकि 29% आईओएस ऐप्स हमेशा यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करती हैं।
- 88% आईओएस ऐप्स फोटोज, 79% ऐप्स कैमरा और 72% ऐप्स लोकेशन को एक्सेस करने के लिए यूजर्स की परमिशन लेती हैं। जबकि 37% ऐप्स कैलेंडर, 36% ऐप्स कॉन्टेक्ट, 35% ऐप्स माइक्रोफोन और 25% ऐप्स ब्लूटूथ शेयरिंग को एक्सेस करने के लिए परमिशन मांगती हैं।
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- वेबसाइट्स भी लगातार यूजर्स के डेटा को कलेक्ट करती रहती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा 96% वेबसाइट थर्ड पार्टी कुकीज को एक्सेस करतीहैं और इसके बाद 71% वेबसाइट ई-टैग को एक्सेस करती हैं।
- हालांकि, मोबाइल ऐप्स के मुकाबले सिर्फ 18% वेबसाइट ही यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करती हैं जबकि 21% वेबसाइट नोटिफिकेशन को एक्सेस करती हैं।
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- अर्का कंसल्टेंसी ने इसके लिए 50 ग्लोबल ऐप्स को टेस्ट किया और फिर भारतीय ऐप्स से इनकी तुलना की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय ऐप्स ने ग्लोबल ऐप्स के मुकाबले डेटा एक्सेस करने के लिए 45% ज्यादा परमिशन मांगी।
- भारतीय ऐप्स ने सबसे ज्यादा परमिशन मोबाइल वॉलेट, शॉपिंग और ट्रेवल बुकिंग का डेटा एक्सेस करने के लिए मांगी।
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- एंड्रॉयड और आईओएस ऐप्स की तुलना करने पर पता चला कि एंड्रॉयड ऐप्स के मुकाबले आईओएस ऐप्स 1.3 से 1.4 गुना ज्यादा बार डेटा एक्सेस करने के लिए परमिशन लेती हैं।
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- यूजर्स के डेटा को एक्सेस कर इसे थर्ड पार्टी को बेच दिया जाता है। इसमें एंड्रॉयड ऐप्स सबसे आगे हैं। 99% एंड्रॉयड ऐप्स यूजर्स का डेटा थर्ड पार्टी को बेच देती हैं, जबकि 94% आईओएस ऐप्स और इतनी ही वेबसाइट यूजर्स का डेटा थर्ड पार्टी को देती हैं।
- यूजर्स का ये डेटा सबसे ज्यादा अमेरिका के पास जाता है। 97% वेबसाइट अमेरिका को डेटा बेचती हैं जबकि 81% एंड्रॉयड ऐप्स और 85% आईओएस ऐप्स अमेरिका को डेटा बेचती हैं।
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- यूजर्स का डेटा सबसे ज्यादा एडवर्टाइजमेंट, एनालिटिक्स और डेवलपमेंट के लिए बेचा जाता है। एंड्रॉयड और आईओएस ऐप्स के मुकाबले वेबसाइट एडवर्टाइजमेंट के लिए सबसे ज्यादा डेटा बेचती हैं।
- जबकि डेवलपमेंट के लिए 48% एंड्रॉयड ऐप्स डेटा को बेचती हैं वहीं 47% आईओएस ऐप्स एनालिटिक्स के लिए यूजर्स का डेटा बेचती हैं।
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- मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट यूजर्स के जिस डेटा को कलेक्ट करती हैं, उसे सबसे ज्यादा गूगल और फेसबुक को ही दिया जाता है। 58% वेबसाइट गूगल को और 14% वेबसाइट फेसबुक को यूजर्स का डेटा देती हैं।
- वहीं 30% एंड्रॉयड ऐप्स और 28% आईओएस ऐप्स गूगल को डेटा देती हैं जबकि 10% एंड्रॉयड ऐप्स और 9% आईओएस ऐप्स फेसबुक को डेटा देती हैं।