शहर के सेक्टर-3 में प्रस्तावित ऑटो मार्केट के रेट तय हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद मार्केट को बसाने में देरी हो रही है। 16 साल से अटके इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने में हो रही देरी पर ट्रक यूनियन के पास स्थित 300 गैराज संचालकों व मैकेनिकों ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया। हुडा पर आरोप लगाया कि झूठे आश्वासन देकर इस अहम प्रोजेक्ट को लेट किया जा रहा है। जबकि यह ऑटो मार्केट जनहित में है, हर दिन इसके बसाए जाने से 20 हजार वाहन चालकों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी। आॅटो मार्केट की प्लानिंग वर्ष 2002-03 में शुरू हो गई थी। 2004-05 में इस पर तेजी से काम हुआ और सेक्टर-3 में यह मार्केट बनाने की प्लानिंग हुडा ने की। परंतु ऑटो मार्केट को लेकर जो आपत्तियों बनी उन्हें सुलझाने में करीब 14 साल निकाल दिए। अब मार्केट के रेट तय हो चुके हैं, लेकिन मार्केट बसाने के लिए हरकत नहीं हो रही। इसके चलते ऑटो गैराज संचालकों व गैराज में काम करने वाले मैकेनिक में हुडा के प्रति रोष बढ़ रहा है। दिल्ली रोड पर महाराणा प्रताप चौक, ट्रक यूनियन के पास हर पांच से छह मिनट में ट्रैफिक जाम की समस्या है। यहां सड़क के ऊपर ही करीब 150 गैराज हैं।
<img src=\"images/p3.png\"51 हजार 800 रुपए प्रति गज में ही दुकान खरीदने को तैयार
पहले रेट रिवाइज में उलझी रही प्लानिंग
मार्केट के रेट तय हुए तो काफी लोगों ने विरोध किया था और रेट कम करने की मांग उठी। इस बीच मंत्री ने चंडीगढ़ में हुई बैठक में रेट रिवाइज कर इन्हें व्यवहारिक बनाने का बयान जारी किया। परंतु रेट रिवाइज नहीं किए। इसके चलते मामला अटका रहा। जबकि ऑटो गैराज संचालक व मैकेनिक स्थानीय नेता के पास जाकर समस्या रखते रहे। लेकिन इनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
प्रदर्शन करने वालों ने कहा 51800 में ही ले लेंगे दुकान : सर्वे में जिन ऑटो गैराज संचालकों व मैकेनिक के हुडा दुकान देगा, उन्होंने कहा कि हुडा मार्केट बसाने में देरी न करे। वह 51 हजार 800 रुपए प्रति स्कवेयर मीटर से दुकान खरीदने के लिए तैयार हैं। प्लाॅट की ड्राॅ की प्रक्रिया एक सप्ताह में की जानी चाहिए। ताकि दिल्ली रोड पर जाम की समस्या न रहे।
अाॅटाे मार्केट की अलाॅटमेंट काे लेकर राेष जताते दुकानदार।
पॉलिसी भी बदली, फिर भी देरी
मंत्री कविता जैन ने जुलाई माह में बताया था कि वर्ष 2003 की पाॅलिसी में किराएदार मिस्त्रियों को जगह नहीं देने का प्रावधान था, इसके कारण आॅटो मार्केट को व्यवहारिक तौर पर शिफ्ट नहीं किया जा रहा था। गत वर्ष उन्होंने इस विसंगति को उठाते हुए आॅटो स्पेयर पाट्र्स दुकान मालिकों के साथ किराएदारों को भी जगह देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासकीय बोर्ड ने मंजूरी देते हुए नई पाॅलिसी जारी कर दी थी।
अब रेट घटाए जाने का इंतजार
ऑटो मार्केट में दुकान किसे दी जाए, इसके लिए सर्वे हो चुका है। यह सर्वे 5 सदस्यीय कमेटी ने किया था। कमेटी में हुडा इस्टेट शाखा से जेई इंद्रजीत शर्मा, जिला टाउन प्लानिंग से जेई कृष्ण, नगर निगम से सतीश कुमार व चंद्र प्रकाश शामिल थे। महाराणा प्रताप चौक से बहालगढ़ तक के ऑटो गैराज को सर्वे में शामिल किया गया है। सर्वे के अनुसार गैराज संचालकों व मेकेनिक की संख्या करीब साढ़े तीन सौ है।
<img src=\"images/p2.png\"इस्टेट आफिसर ने कहा डीसी को चिट्ठी लिख दी गई है। मार्केट जल्दी ही बसाया जाएगा। डीसी सोनीपत को मैंने मार्केट में अलॉटमेंट प्रक्रिया के लिए रिप्रेजेंटेटिव नियुक्त करने के लिए चिट्ठी लिखी है। क्योंकि डीसी सोनीपत, नगर निगम आयुक्त, डीटीपी सोनीपत सहित कई अधिकारियों की इस पर कमेटी बनी हुई है। -विजय राठी, इस्टेट आफिसर, एचएसवीपी।
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