वाकई जिद के जीत है, ऐसा ही कुछ जलालाबाद की पपनीत कौर के साथ हुआ। उनके जज बनने के जुनून-जज्बे को देखते हुए परिजन लुधियाना शिफ्ट हुए। कड़ी मेहनत रंग लाई और अब वह पीसीएस ज्युडिशियरी के एग्जाम में शानदार प्रदर्शन कर पंजाब की टॉपर बन गई हैं। इस अहम परीक्षा में कामयाबी हासिल करने वालों में लुधियाना में डिप्टी डीए पद पर तैनात जिंदरपाल सिंह और हरकमल कौर और तहसील खन्ना में बतौर सरकारी वकील प्रेक्टिस कर रहीं सीमा अग्निहोत्री भी शामिल हैं।
लॉ और बीबीएस में भी टॉप कर चुकीं पपनीत
टॉपर पपनीत कौर बेशक जलालाबाद की रहने वाली हैं, लेकिन कामयाबी हासिल करने के लिए उन्होंने लुधियाना को कर्मभूमि बनाया था। उनके पिता रनबीर सिंह किसान हैं और उनके भाई ने भी एलएलबी कर रखी है, लेकिन वकालत नहीं करते हैं। पपनीत शुरू से ही होनहार स्टूडेंट थीं। जलालाबाद के डीएवी स्कूल में 10वीं में पढ़ते हुए उन्होंने 93 फीसदी अंक हासिल किए थे। उन्होंने लॉ की डिग्री एसडी कॉलेज श्रीगंगानगर से हासिल की। फिर लुधियाना के गुरु नानक कॉलेज फॉर गर्ल्स से बीबीएस किया। दोनों ही डिग्री में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया। पपनीत ने लुधियाना में रहकर ही पीसीएस-जे की तैयारी शुरू की तो परिजनों ने भी उनका जज्बा देखते हुए इसी शहर में दूसरा घर बना लिया था। वह खुद बताती हैं कि साल 2015 में उन्होंने तैयारी शुरु की और पंजाब के इस टेस्ट को पहले ही अटेंप्ट में क्लियर कर लिया था। अपनी कामयाबी का श्रेय वह परमात्मा, माता-पिता और टीचर्स को देती हैं। उनकी सोच यही है कि जज की कुर्सी पर बैठकर वह गरीबों, लंबे समय से न्याय से वंचित लोगों की मदद कर सकें। इस परीक्षा के लिए तैयारी में लगे वकीलों को उनकी यही सलाह है कि लगातार बिना हिम्मत हारे मेहनत जारी रखें, कामयाबी जरूर हासिल होगी।
सीमा की बहन जज, पिता और भाई वकील
उधर, इस परीक्षा में सफल खन्ना की सरकारी वकील सीमा अग्निहोत्री के पति एमबीए कर चुके हैं और बिजनेसमैन हैं। उनके पिता खुद जालंधर के लीडिंग वकीलों में शुमार हैं और जिला बार एसोसिएशन के चार बार प्रेसिडेंट रह चुके हैं। सीमा की बहन भी जज हैं और भाई वकील हैं। भाई ने भी उनके साथ एग्जाम दिया, लेकिन क्लियर नहीं कर सके। एक बच्चे की मां सीमा कहती हैं कि नौकरी और बाकी जिम्मेदारियां निभाते हुए ऐसी महत्वपूर्ण परीक्षा में कामयाबी हासिल की जा सकती है। बस जरूरत परमात्मा पर भरोसा रख लगातार कोशिश के साथ सभी जिम्मेदारियों में संतुलन बनाने की होती है। गौर हो कि लुधियाना के ही चाना परिवार की मेंबर हरकमल कौर ने भी यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास की है। उनके पिता गुरमुख सिंह हैं और दादी जसविंदर कौर कौंसलर रह चुकी हैं।
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