ब्यूनस आयर्स. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जी-20 समिट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली मुलाकात रद्द कर दी है। ट्रम्प ने इसके पीछे अजोव सागर में रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद को वजह बताया। दरअसल, दो दिन पहले ही रूसी नौसेना ने अपनी सीमा पार करने के लिए यूक्रेन के 3 जहाज और नाविकों को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी है।
ट्रम्प ने गुरुवार को ट्वीट में कहा कि रूस ने अभी तक यूक्रेन के जहाजऔर नाविक नहीं लौटाए हैं। ऐसे में कर्च खाड़ी में हुए घटनाक्रम की रिपोर्ट पढ़ने के बाद बैठक रद्द करने का फैसला किया। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी विवाद की पूरी जिम्मेदारी रूस पर डाल दी। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को जी-20 मीटिंग में पुतिन के सामने उठाएंगी।
यूक्रेन में लागू हो चुका है मार्शल लॉ
यूक्रेन के राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको ने रूस से निपटने के लिए नाटो सेना से इलाके में शिप भेजने के लिए कहा है। उन्होंने यूक्रेन में रहने वाले रूसी नागरिकों पर जल्द कड़े प्रतिबंध लगाने का ऐलान भी किया। इसके तहत रूसी नागरिकों के विदेश दौरे, वित्तीय लेनदेन पर रोक लगाई जाएगी।फिलहाल यूक्रेन में 30 दिन के लिए मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। इस स्थिति में सीमा पर मौजूद सेना पूरी तरह आपात स्थिति में रखी गई है।
मीटिंग रद्द होेने पर रूस ने जताया खेद
रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन ट्रम्प से बात करने के लिए तैयार हैं। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के बैठक रद्द करने के फैसले पर उन्होंने खेद जताया।
रूसी नौसेना ने किया था हमला
रूस ने साेमवार को यूक्रेन की नौसेना के तीन जहाजों पर हमला कर उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। इसी के साथ दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया है। रूस का आरोप है कि यूक्रेन की नौसेना ने क्रीमियाई प्रायद्वीप स्थित उसकी जल सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश की। ऐसे में उसे नौसेना को रोकने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस मामले में एक आपात बैठक बुलाई है।
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