पानीपत.महिलाओं के साथ होने वाले शारीरिक उत्पीड़न करने वाले ज्यादातर अपने ही हैं। ऐसी वारदातों को ज्यादातर वही लोग अंजाम दे रहे हैं, जो महिलाओं या लड़कियों को किसी न किसी तरह से जान-पहचान वाले थे। पुलिस विभाग के आंकड़े इस बात की पुष्टी कर रहे हैं। पुलिस की ओर से जारी पिछले दस सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो महिलाओं का उत्पीड़न करने वाले 98 फीसदी जान पहचान वाले सामने आए।
वर्ष 2009 में दुष्कर्म के दर्ज सभी 603 मामलों में जानकार आरोपी थे। इसी प्रकार वर्ष 2010 में 720 दुष्कर्म के मामलों में 720, वर्ष 2011 में 733 दुष्कर्म के मामलों में 733, वर्ष 2012 में 668 दुष्कर्म के मामलों में 668 और वर्ष 2013 में 971 दुष्कर्म के मामलों में 971 आरोपी जानकार थे।
वर्ष 2014 में 1174 दुष्कर्म के दर्ज मामलों में 1066, वर्ष 2015 में 1070 मामलों में 1031, वर्ष 2016 में 1187 में 1172, वर्ष 2017 में 1328 मामलों में 1251 आरोपी जान-पहचान वाले थे। बात यदि इस साल अक्टूबर तक दर्ज हुए 1495 दुष्कर्म के मामलों में 1406 आरोपी जानकार मिले हैं।
संदिग्ध हो रही परिवार के सदस्यों की भूमिका :
हरियाणा पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने बताया कि दुष्कर्म के मामलों में दादा, भाई, बेटा के साथ-साथ नजदीकी पारिवारिक सदस्यों की भूमिका भी साल दर साल न केवल बढ़ती जा रही है, बल्कि संदिग्ध भी हो रही है। 2009 में 12, वर्ष 2010 में 15, वर्ष 2011 में 8, वर्ष 2012 में 10, वर्ष 2013 में 8, वर्ष 2014 में 53, वर्ष 2015 में 64, वर्ष2016 में 19, वर्ष 2017 में 90 व अक्टूबर 2018 में अब तक 90 परिवार के सदस्यों की ही ऐसे मामलों में भूमिका मिली।
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