रवि रौणखर,जालंधर.पंजाब में नशे की ओवरडोज से कई युवाओं की जान जा चुकी है। इसके बावजूद युवा नशा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। बुधवार को चिट्टा पीने वाले एक 30 वर्षीय युवक ने दाएं कंधे से ठीक नीचे जब इंजेक्शन लगाया तब शायद उसे पता नहीं था कि उसकी जान खतरे में पड़ने वाली है। सूई टूटकर नाड़ी में ही फंस गई। घबराहट होने लगी तो वह अपने दोस्त के साथ सिविल अस्पताल पहुंचा।
शुरुआती जांच में पता चला है कि दिल को जाने वाली बड़ी नाड़ी (बसिलिक वीन) के आसपास सूई फंसी हुई है। युवक और उसका दोस्त पहले एक डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने कहा कि यह ऑर्थो का मामला है। ऑर्थो वाले डॉक्टर ने कहा कि पहले एक्सरे करवा लो मैं निकाल दूंगा। युवक एक्सरे करवाकर लौटा तो डॉक्टर को सिविल सर्जन दफ्तर से बुलावा आ गया कि मेडिकल बोर्ड में आपकी राय चाहिए। बोर्ड की कार्रवाई शाम तक चली और जब तक ऑर्थो डॉक्टर सिविल वापस आए तब तक मरीज घर जा चुका था।
मैं कई दिन से लगा रहा था टीके, हाथ-पैर की नाड़ियां नहीं मिलीं तो सीधे दिल को जाने वाली नस में लगाया :
युवक ने बताया कि वह कई दिन से इसी सूई से टीका लगा रहा था। अाज सुबह बाजू और टांग की नाड़ी नहीं मिल रही थी। पहले भी इस नाड़ी में टीका लगा चुका था। जैसे ही सुई चुभोई वह टूट गई। पछता रहा हूं कि नशा क्यों किया।
कंधे के पास दिल को जाने वाली नस और दिल से बाजू और बाकी अंगों को जाने वाली धमनी (आर्टरीज) भी होती है। अब देखना यह है कि उसने टीका कौन सी नाड़ी में लगाया था। – डॉ. रमिंदर सिंह, ऑर्थोपेडिक सर्जन
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