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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

सरकारी योजनाओं में लाखों का घोटाला, बिजली वितरण निगम के अफसर और ठेकेदार आरोपी

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हिसार (भूपेश मथुरिया).दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की वर्ष 2016-17 में दीन दयाल उपाध्याय ज्योति स्कीम और म्हारा गांव-जगमग गांव योजना का उद्देश्य लाइन लोस और बिजली चोरी काे रोकना था, लेकिन निगम के कुछ अफसर और ठेकेदार सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा रहे थे।

पुलिस की पूछताछ में आरोपी ठेकेदार कुलदीप दूहन ने खुलासा किया था कि करीब 30 करोड़ के विकास कार्यों का ठेका मिलने के बाद एक्सईएन, एसडीओ और अकाउंटेंट सहित अन्य अधिकारियों को 80 लाख रुपए कमीशन दे चुका था। जिस समय फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था तो विभाग ने मामले की जांच करवा आरोपी अफसरों को सस्पेंड कर दिया था।

इसके बाद ठेकेदार ने अफसरों तक बकाया कमीशन पहुंचाया था। कहा था- मेरी वजह से आपकी नौकरी पर आंच आई है, जो कमीशन बनता है वह देना फर्ज है। आरोपी ठेकेदार के डिस्कलोजर में सामने आया कि इसका एक साइलेंट पार्टनर रवि था। इसके जरिए कमीशन अफसरों तक पहुंच रहा था। वही हिसाब-किताब रखता था। उसे फॉरच्यूनर गाड़ी दिलवाई। आरोपी रवि बिजली निगम में कार्यरत एक कर्मी का बेटा है, जिसे पकड़ा जाना बाकी है।

जेई को बनाया सरकारी गवाह :

पुलिस ने मामले में बिजली निगम के जेई को सरकारी गवाह बना लिया है। उसने खुलासा किया है कि साइट पर जाकर मेजरमेंट बुक में डिटेल दर्ज करने का काम जेई का होता है। पर, ठेकेदार को लाभ पहुंचाने और अपनी जेब भरने के लिए अफसरों ने पॉलिसी के विरुद्ध जाकर काम किया।

एसडीआे के अलावा मेजरमेंट बुक में ठेकेदार के साइलेंट पार्टनर रवि की हैंड राइटिंग भी मिली है। जेई ने पुलिस काे बताया कि मैं गलत का भागीदार नहीं बना। ऐसे में जेई के सरकारी गवाह बनने पर पुलिस के लिए आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार में संलिप्तता के ठोस सबूत मिल गए हैं।

सेटिंग से मिले थे 250 करोड़ के टेंडर :

ठेकेदार कुलदीप दूहन ने बताया कि अफसरों से सेटिंग के बाद कई टेंडर मिले। काम शुरू करते ही पेमेंट जारी करवा लेता था। करीब 250 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल कर लिए थे। लगभग 62 करोड़ रुपए की पेमेंट निगम में लंबित है। रिमांड में राशि रिकवर नहीं हुई। इधर, अकाउंटेंट्स की वित्तीय लोस में संलिप्तता मिली है।

अवैध संपत्ति की जांच व अफसरों की गिरफ्तारी की मांगी अनुमति :

पुलिस ने बिजली निगम को पत्र लिख ठेकेदार की बकाया पेमेंट जब्त करने व भ्रष्टाचार में शामिल अफसरों की गिरफ्तारी के लिए अनुमति मांगी है। पुलिस टीम भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्तियों की जांच करके उन्हें जब्त करेगी, संबंधित धारा केस में जोड़ी है। पार्टनर रवि की गिरफ्तारी के बाद राशि में इजाफा हो सकता है।

सभी आरोपियों को करेंगे गिरफ्तार:

सभी आरोपियों को पकड़ डिस्कलोजर ले जांच की जाएगी। भ्रष्टाचार का नेटवर्क तोड़ेंगे, ताकि फिर कोई वित्तीय लोस का भागीदार न बन सकें।-अमरजीत, डीएसपी, जांच अधिकारी

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