पानीपत.धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के 48 कोस की परिधि में पड़ने वाले 134 तीर्थस्थलों का भी किसी न किसी रूप में महाभारत काल से संबंध रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उनके जीर्णोद्धार की पहल की है। वे करनाल, कैथल व जींद के लगभग 35 तीर्थ स्थलों का स्वयं दौरा कर चुके हैं और उनके सरोवरों व परिक्रमा का जीर्णोद्धार करवाने की घोषणा की है और इस साल गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र के 48 कोस की परिक्रमा में पड़ने वाले तीर्थ स्थलों की जानकारी के संबंध में एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया जाएगा।
गीता पुस्तक मेले के अलावा, कवि सम्मेलन में हरिओम पंवार, गजेंद्र सोलंकी एवं अन्य कवि आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगे। 16 दिसंबर को संत सम्मेलन व गीता मैराथन दौड़ का भी आयोजन होगा। 18 दिसंबर को दोपहर 12 बजे कुरुक्षेत्र में 18 हजार विद्यार्थी व तीन हजार लोग एक साथ मिलकर अष्टादशी श्लोक गीता पाठ उच्चारण करेंगे।
साथ ही इसी समय विदेशों में भी गीता पाठ का उच्चारण होगा। मुख्यमंत्री उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में संतों को भी बुलाया गया है और अभी तक रविशंकर, स्वामी रामदेव और शंकराचार्य जैसे संतों के आने की सहमति दे दी है। सभी संप्रदायों के धर्मगुरुओं को भी आमंत्रित किया गया है। संतों द्वारा तीन दिनों तक व्याख्यान भी दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आने की अपनी सहमति दी है। गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की संत समाज की मांग पर कहा कि अगर केंद्र सरकार ऐसा कुछ करती है तो कोई आपत्ति नहीं है।
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