नई दिल्ली.इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार को महिला टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में अनुभवी बल्लेबाज मिताली राज को बाहर रखने के कप्तान हरमनप्रीत कौर के फैसले की भारतीय क्रिकेट जगत में काफी आलोचना हो रही है। मिताली को बाहर बैठाने पर उनकी मैनेजर अनीशा गुप्ता ने हरमनप्रीत को झूठी और चालाक करार दिया। हालांकि, टीम की मैनेजर तृप्ति भट्टाचार्य ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मिताली को बाहर रखने का फैसला सिर्फ हरमनप्रीत का नहीं, बल्कि सामूहिक था। कोच और चयनकर्ता ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल करने वाली टीम को ही इंग्लैंड के खिलाफ खेलने पर सहमत थे।
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अनीशा ने ट्वीट में लिखा, “दुर्भाग्यवश भारतीय टीम राजनीति में विश्वास करती है न कि खेल में। भारत औरआयरलैंड मैच में मिताली का अनुभव कितना काम आया था, इसे देखने के बाद भी उसने ‘अपरिपक्व’, ‘झूठी’ और ‘चालाक’ हरमनप्रीत को मन की करने दी।”
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यह ट्वीट एक असत्यापित टि्वटर अकाउंट से किया गया था। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने जब अनीशा से इस बारे में पूछा कि क्या यह उन्हीं का ट्विट हो तो मैनेजर ने हामी भरी और अपने बयान पर कायम रहीं। हालांकि उनका अकाउंट कुछ घंटे बाद डिलीट कर दिया गया।
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वेबसाइट ने अनीशा के हवाले से लिखा, “मैं नहीं जानती की अंदर क्या चल रहा है, लेकिन चूंकि मैचों का प्रसारण हो रहा है तो हम देख सकते हैं कि कौन प्रदर्शन कर रहा है और कौन नहीं। अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी मिताली के साथ क्या हो रहा है, इसे देखने की जरूरत है।”
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जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें अपने ट्वीट पर पछतावा है तो उन्होंने कहा, “हो सकता है कि मैं ज्यादा गुस्से में हूं, लेकिन यह बात सही जगह से आई है क्योंकि मैं गलत के साथ खड़ी नहीं रह सकती। जिस तरह का फेवरेटिजम दिखाया जा रहा वो साफ तौर पर जाहिर है।”
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वहीं, तृप्ति ने रिपोर्ट में लिखा कि शुक्रवार शाम छह बजे अभ्यास सत्र के बाद कप्तान हरमनप्रीत, उप कप्तान स्मृति मंधाना, कोच रमेश पोवार और चयनकर्ता सुधा शाह ने आखिरी-11 की सूची को अंतिम रूप दिया था। ये सभी मिताली को बाहर रखने पर सहमत थे।
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तृप्ति ने मुताबिक, सुधा शाह आखिरी-11 को लेकर पूरी तरह संतुष्ट थीं और उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। हालांकि, तृप्ति की रिपोर्ट के बाद विवाद बढ़ सकता है, क्योंकि सेमीफाइनल तक पहुंचने के बाद भारत ने पहली बार फाइनल में पहुंचने का एक बढ़िया मौका खो दिया।