नई दिल्ली. भारत की 21 साल मनीषा मोन ने वुमन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में जीत के साथ आगाज किया। उन्होंने 54 किग्रा भार वर्ग के पहले राउंड में दो बार की कांस्य पदक विजेता अमेरिका की क्रिस्टीना क्रूज को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराया। 36 साल की क्रिस्टीना ने 2016 और 2012 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। मनीषा अब प्री-क्वार्टर फाइनल में रविवार को मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन उज्बेकिस्तान की डिना जोलामान से भिड़ेंगी।
पांचों जजों ने मनीषा के पक्ष में अंक दिए
हालांकि, दो महीने पहले पोलैंड में हुए सिलिसियन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में मनीषा ने डिना को हराया था। मनीषा ने क्रिस्टीना के खिलाफ पहले दो राउंड में डिफेंसिव खेल दिखाया। तीसरे और आखिरी दौर में मनीषा ने क्रिस्टीना के खिलाफ आक्रामक हुईं और जीत हासिल की। मनीषा को पांच जजों ने 29-28, 30-27, 30-26, 30-26, 29-28 का स्कोर दिया।
जीत के साथ डेब्यू करना अच्छा अनुभवः मनीषा
मनीषा ने कहा कि जीत के साथ शुरुआत करना अच्छा रहा। हम जिस रणनीति के साथ उतरे उसे पूरा करने में सफल रहे। अगले राउंड में डिना के खिलाफ होने वाले मैच के बारे में उन्होंने कहा कि वे विरोधी खिलाड़ियों को लेकर नहीं सोच रही हैं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में उतरना मेरे लिए एक अच्छा अनुभव है।
पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन सरिता देवी की भी जीत के साथ शुरुआत
भारत की सरिता देवी ने 60 किग्रा वेट कैटेगरी में स्विट्जरलैंड की डायना सेंड्रा को 4-0 से हराकर प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। मैच में चेतावनी के कारण उन्हें एक अंक गंवाना पड़ा। जीत के बाद सरीता ने कहा कि सेंड्रा काफी अनुभवी बॉक्सर हैं। वे शुरुआत से ही आक्रामक खेल दिखा रही थीं। सरिता ने 2006 में दिल्ली में ही वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।
कोसोव को वीसा नहीं दिया, भारत से मेजबानी छिन सकती है
भारत को 2021 में मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप की भी मेजबानी मिली है। कोसोव के खिलाड़ियों को भारत से वीसा नहीं मिला था। इसके बाद इंटरनेशनल फेडरेशन भारत से नाराज है। वह टूर्नामेंट की मेजबानी छीन सकता है। पिछले दिनों स्पेनिश सरकार की ओर से कोसोव के खिलाड़ियों को इंटरनेशनल टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए वीसा देने की घोषणा की गई है।
झुग्गी में रहने वाले 41 बच्चों को वालेंटियर बनाया गया
चैम्पियनशिप में अर्जुन अवॉर्ड हासिल कर चुके खिलाड़ियों के अलावा दिल्ली के आस-पास झुग्गी में रहने वाले 41 बच्चों को वालेंटियर बनाया गया है। टूर्नामेंट के आयोजन में ये सभी मदद कर रहे हैं। कुल 250 वालेंटियर लगाए गए हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुके बॉक्सर, विभिन्न खेलों के खिलाड़ी, बीपीई, बीपीएड के स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। झुग्गी में रहने वाले बच्चों को टूर्नामेंट से पहले ट्रेनिंग दी गई।
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