जासूसी के आरोप में बरसों जेल में गुजारने के बाद पाकिस्तानी कैदी जलालुद्दीन का मन भी बदल गया। 16 साल की सजा काटने के बाद रविवार को वाराणसी जेल से रिहाई के बाद जब उसे वतन भेजा जाने लगा तो उसने श्रीमद्भागवत गीता साथ ले जाने की इच्छा जताई। जेल अधिकारियों ने उसकी इच्छा को पूरा किया। जलालुद्दीन गीता साथ लेकर दिल्ली से आई स्पेशल टीम के साथ वाराणसी से अमृतसर के लिए रवाना हो गया। सोमवार को उसे वाघा बार्डर पर छोड़ दिया जाएगा। वहां से वह पाकिस्तान वापस लौट जाएगा। दरअसल, वाराणसी के कैंटोनमेंट एरिया में एयरफोर्स ऑफिस के पास से 16 साल पहले जलालुद्दीन को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह सिंध का रहने वाला है।
जासूसी का था आरोप, जेल में एमए तक पढ़ाई की, कई कोर्स भी किए
पत्र में लिखा एलओसी खत्म हो, भारत-पाक एक हो जाएं
जलालुद्दीन ने रविवार को रिहा होने से पहले एक पत्र जेल अधिकारियों के जरिए गृह मंत्रालय को भेजा। पत्र में उसने लिखा है, ‘मेरी ख्वाहिश है कि यूएसए, यूके, यूएई की तरह ही हमारे सार्क देश से भी एलओसी खत्म हो जाए। हम सब (भारत-पाकिस्तान और अन्य) एक हो जाएं तो कोई भी देश बुरी नजर से देखने की हिम्मत नहीं कर सकेगा।’
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